Saturday, February 8, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तराखंडसाढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद मेयर की कुर्सी...

साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद मेयर की कुर्सी पर बैठेंगे रामपाल सिंह

  • संकल्प से जुड़े उनके त्याग के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद बनेंगे गवाह
  • नजूल का मुद्दा हल होने के बाद मेयर को कुर्सी पर बिठाने आ रहे हैं मुख्यमंत्री

एफएनएन, रुद्रपुर : राजनीति में कुर्सी के अलग ही मायने हैं। कुर्सी के लिए जोड़-तोड़ और पैंतरेबाजी आम बात है, लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं रुद्रपुर के मेयर रामपाल सिंह की। सहज और सरल व्यक्तित्व के धनी रामपाल सिंह ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल करने के बाद 2 दिसंबर 2018 को मिनी सांसद यानी नगर निगम के मेयर का चार्ज संभाला। विपरीत हालातों में जीत हासिल की थी तो उनके जहन में तमाम वो संकल्प और चुनावी वायदे थे जो उन्होंने रुद्रपुर की जनता से किए थे। ऐसे में उन्होंने निर्णय लिया कि वह मेयर की कुर्सी पर इन संकल्पों के पूरा होने के बाद ह बैठेंगे। कुर्सी पर उन्होंने अपने संकल्प पत्र को स्थान दिया और खुद अलग हटकर एक अन्य कुर्सी पर बैठे।

उनके लिए प्राथमिकता में थे तो इस संकल्प पत्र में दर्ज उनके चुनावी वायदे। एक-एक कर वह इन्हें पूरा करते रहे लेकिन लंबा संघर्ष था शहर में नजूल की जमीन पर रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिलाने का। एलआईसी की नौकरी छोड़कर राजनीति की चौखट पर दस्तक देने वाले रामपाल सिंह ने इसके लिए संघर्ष किया। उनके इस संघर्ष ने न सिर्फ उत्तराखंड की राजनीति में अमिट छाप छोड़ी। उनके संकल्प और दृढ़ इच्छाशक्ति के किस्से हर गली और मोहल्ले में सुने जा सकते हैं। इस बीच कई बार उन्हें कुर्सी पर बैठाने की कोशिश हुई लेकिन हमेशा उनका संकल्प आड़े आ गया।

आखिरकार सत्तासीन भाजपा को अपने इस नेता के त्याग को ध्यान में रखते हुए नजूल पर फैसला लेना पड़ा। पिछले दिनों आई नजूल नीति ने मेयर के उस सपने को पूरा कर दिया। लेकिन समय काफी गुजर गया था। अब मेयर के कार्यकाल को कुछ दिन की शेष बचे हैं। उनके समर्पण और संकल्प के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब उन्हें कुर्सी पर बैठाने आ रहे हैं। रविवार को नगर निगम के नए भवन में वह मेयर रामपाल सिंह को कुर्सी पर बैठाऐंगे। शहर के लिए तो यह सौभाग्य की बात होगी ही, साथ ही उन नेताओं के लिए एक नजीर भी होगी जो कुर्सी पाने की जुगत में किसी भी हद तक चले जाते हैं। रुद्रपुर से कंचन वर्मा की रिपोर्ट।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments