एफएनएन ब्यूरो, बरेली। कोतवाली फरीदपुर के सस्पेंडेड इंस्पेक्टर रामसेवक की संपत्ति की जांच के वास्ते एसएसपी ने शासन को रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में राम सेवक द्वारा तैनाती के दौरान रिश्वत की रकम से लखनऊ और अपने गांव में करोड़ों रुपये की संपत्ति बना लेने की बात कही गई है। इंस्पेक्टर के सहयोगी दरोगा और सिपाहियों का नाम भी भ्रष्टाचार के मुकदमे में खोला जा रहा है।
इंस्पेक्टर के कमरे से बरामद हुए थे रिश्वत के 10 लाख रुपये
ज्ञात रहे कि फरीदपुर कोतवाली प्रभारी के रूप में तैनाती के दौरान निलंबित इंस्पेक्टर रामसेवक ने 21 अगस्त 2024 की रात ग्राम नवदिया अशोक निवासी आलम, नियाज अहमद और अशनूर को गिरफ्तार कर थाने बुलाया। रात में ही सात लाख रुपये लेकर आलम और नियाज को छोड़ दिया और अशनूर को हवालात में बंद कर दिया। मामला खुलने पर 22 अगस्त को एसपी साउथ मानुष पारीक व सीओ गौरव सिंह ने गिरफ्तारी के लिए थाने में छापा मारा लेकिन दिया, इंस्पेक्टर रामसेवक दीवार थाने की ऊंची चहारदीवारी फांदकर फरार हो गया। तलाशी में उसके कमरे से करीब दस लाख रुपये मिले। इस मामले में उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर उसे सस्पेंड भी कर दिया गया था।
इन पुलिस वालों के नाम भी खुलेंगे भ्रष्टाचार के केस में
भ्रष्टाचार के इस संगीन मामले में पांच अन्य पुलिसकर्मियों रिजवान, नीरज, एहसान, सौरभ कुमार और कृष्णा कुमार को सस्पेंड और दरोगा जावेद अली, सिपाही अतुल वर्मा को लाइन हाजिर किया गया था। इंस्पेक्टर की तलाश में टीमें दबिश दे रही हैं। निलंबित इंसंपेक्टर रामसेवक की बर्खास्तगी की भी तैयारी चल रही है। एसएसपी अनुराग आर्य ने अपनी चिट्ठी के साथ शासन को रिपोर्ट भेज दी है।
हरदोई से लखनऊ तक की रामसेवक की प्रॉपर्टी जांच के दायरे में
रामसेवक के पुश्तैनी गांव हरदोई जिले के सुरसा थाना स्थित पीपरपाली में भी उसकी संपतियों की जांच की प्रक्रिया चल रही है। इस संबंध में शासन को भी पत्र लिखा गया है। उसके घर वालों, रिश्तेदारों और करीबियों के नंबर भी सर्विलांस पर लगाए गए हैं। गांव में उसका मकान और कृषि भूमि के अलावा लखनऊ के वीआईपी इलाके में दो कोठियां बताई गई हैं।
₹4 लाख रिश्वत लेकर गैर इरादतन हत्या में तरमीम किया हत्या का केस
भ्रष्टाचार के मुकदमे में फंसने के बाद इंस्पेक्टर रामसेवक पर तमाम आरोप लग रहे हैं। फरीदपुर के मोहल्ला मिर्धान के एकतानगर कॉलोनी के शहाबुद्दीन का आरोप है कि एक अगस्त को पड़ोसियों ने उनकी वृद्ध मां की ईंट मारकर हत्या कर दी थी। मां को बचाने पहुंचे शहाबुद्दीन और उनके भाई को भी पड़ोसियों ने पीटा. जिससे दोनों भाइयों के हाथ में फ्रैक्चर हो गया। उन्होंने पड़ोस के आरिफ और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया लेकिन पुलिस आरिफ को गिरफ्तार नहीं कर सकी। पीड़ित शहाबुद्दीन ने आरोप लगाया कि इंस्पेक्टर ने आरोपियों से चार लाख रुपये की रिश्वत लेकर उनकी गिरफ्तारी नहीं की और हत्या के मामले को भी गैर इरादतन हत्या में दर्ज किया था।