एफएनएन, रुद्रप्रयाग: जिले में 2 साल तक सेवा देने के बाद डीएम सौरभ गहरवार सिडकुल के एमडी और पीएम जीएसवाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की जिम्मेदारी संभालने चले गए तो नए जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने कार्यभार संभाला है. पहली बार डीएम बने प्रतीक जैन रुद्रप्रयाग जिले के अब तक के सबसे यंगेस्ट डीएम हैं. प्रतीक ने आते ही अपने आगे के कार्यकाल की झलक भी दिखा दी है.
डीएम का चार्ज लेते ही केदारनाथ पहुंचे प्रतीक जैन: 2018 बैच के आईएएस अधिकारी प्रतीक जैन ने रुद्रप्रयाग जैसे धार्मिक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध जिले का जैसे ही डीएम के रूप में कार्यभार संभाला, तो पहला काम केदारनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं को परखने का किया. इन दिनों उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के तहत केदारनाथ यात्रा जोर शोर से चल रही है. रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी प्रतीक जैन पैदल ही केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग और उसकी व्यवस्थाएं देखने निकल पड़े.
रुद्रप्रयाग के यंगेस्ट डीएम चले 24 किलोमीटर पैदल: 32 साल के जिलाधिकारी ने 24 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय करके रास्ते भर तीर्थयात्रियों से व्यवस्थाओं का हालचाल लेते हुए ये यात्रा पूरी की. जहां-जहां कमी दिखी और लोगों ने जो जरूरतें बताईं उनमें सुधार के निर्देश दिए. केदारनाथ धाम पहुंचकर उन्होंने बाबा केदारनाथ का आशीर्वाद लिया. तीर्थ पुरोहितों के साथ मुलाकात कर व्यवस्थाओं पर चर्चा की.
2018 बैच के आईएएस हैं प्रतीक: रुद्रप्रयाग के डीएम प्रतीक जैन 2018 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. केदारनाथ नेशनल हाईवे का निरीक्षण करते हुए उन्होंने एनएच विभाग को भूस्खलन वाली जगहों पर हर समय जरूरी मशीनें रखने के निर्देश दिए. इसके साथ ही डीएम ने चिकित्सा सुविधाएं भी परखीं. एसडीआरएफ के कार्यालय का निरीक्षण भी किया. केदारनाथ तीर्थयात्रियों के लिए बने विश्राम स्थलों को भी देखा और वहां की सुविधाओं को परखा.
रुद्रप्रयाग के नए डीएम के बारे में जानें: रुद्रप्रयाग जिले के अब तक के सबसे जवान जिलाधिकारी प्रतीक जैन का जन्म राजस्थान के अजमेर में हुआ. 25 जुलाई 1993 में जन्मे प्रतीक जैन 2018 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. आईएएस बनने से पहले भी वो कई प्रशानिक परीक्षाओं को पास कर चुके थे. उनके पास जेएनयू से पब्लिक मैनेजमेंट में मास्टर्स डिग्री भी है. प्रतीक हरिद्वार जिले के सीडीओ भी रह चुके हैं.
रुद्रप्रयाग है महत्वपूर्ण जिला: धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से रुद्रप्रयाग एक महत्वपूर्ण जिला है. यहां ज्योतिर्लिंग केदारनाथ मंदिर है. इसके साथ ही यहां तुंगनाथ मंदिर, रुद्रनाथ मंदिर और मदमहेश्वर मंदिर भी स्थित हैं. भगवान शिव पार्वती का विवाह स्थल त्रियुगी नारायण मंदिर भी इसी जिले में है. कल्पेश्वर मंदिर, अगस्त्यमुनि मंदिर और ओंकारेश्वर मंदिर भी यहीं हैं. ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक महत्व रखने वाले इन मंदिरों के दर्शन करने साल भर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.