जांच में पुलिस कर्मियों की भूमिका संदिग्ध मिलने पर एसएसपी मुरादाबाद का कड़ा एक्शन
उच्चाधिकारियों को सूचना दिए बगैर ही कर रहे थे मिट्टी खनन की ट्रैक्टर ट्राली का पीछा
एफएनएन ब्यूरो, मुरादाबाद-उप्र। ठाकुरद्वारा कोतवाली के तरफ दलपत गांव में अपनी ही ट्रैक्टर ट्रॉली तले दबकर युवक की मौत के बाद बवाल के मामले में प्रथम दृष्ट्या जांच में छह पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध मिली है। एसएसपी ने थाना प्रभारी समेत सात पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। डीआईजी मुनिराज जी ने भी पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

एसएसपी के स्तर से कराई गई जांच में तस्दीक हो गई कि इन सभी पुलिसकर्मियों ने अफसरों को बिना सूचना दिए ही अवैध खनन की सूचना पर तरफ दलपत गांव में दबिश दी थी। साफ हिदायत है कि अवैध खनन की सूचना पर पुलिसकर्मी बिना अफसरों को सूचित किए दबिश नहीं देंगे।
जांच में छह पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध मिली जबकि थाना प्रभारी की भी लापरवाही सामने आई है। एसएसपी सतपाल अंतिल ने थाना प्रभारी सुदेश पाल सिंह, दरोगा आकाश परमार, ऋषभ शर्मा, हेड कांस्टेबल नरेश लाटियान, अनीस, सिपाही अजीत सिंह और रविंद्र कुमार को निलंबित कर दिया है।
युवक की मौत के बाद हमले में तीन पुलिस कर्मी हुए थे घायल
बताते चलें कि ठाकुरद्वारा कोतवाली क्षेत्र में शुक्रवार सुबह अवैध खनन के शक में पुलिस के पीछा करने पर तरफ दलपत गांव के लोकेश उर्फ मोनू (27) की अपनी ही ट्रैक्टर-ट्राॅली तले दबकर मौत हो गई थी। गुस्साए ग्रामीणों और परिजनों ने अवैध वसूली की नीयत से पीछा कर रहे पुलिसकर्मियों को ही मौत के लिए जिम्मेदार बताते हुए खूब हंगामा किया था। पुलिस पर पथराव कर लाठी-डंडे लेकर दाैड़ाया और दो पुलिसकर्मियों तथा एक होमगार्ड की पिटाई कर उनकी वर्दी फाड़ दी। मृतक के पिता की शिकायत पर चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद ही ग्रामीण शांत हुए थे।
’20 हजार रुपये मांग रहे थे पुलिस वाले’
मृतक के पिता धर्मपाल का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने बेटे पर अवैध खनन करने का आरोप लगाकर 20 हजार रुपये मांगे थे। रकम नहीं देने पर ही इस घटना को अंजाम दिया है।