Thursday, April 24, 2025
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पुलिस भर्ती का पर्चा लीक किया था, आईपीएस गिरफ्तार, मुख्य सचिव के भाई हैं पकड़े गए संजीत

एफएनएन, गुवाहाटी : बहुचर्चित पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती लिखित परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में गुरुवार देर शाम करीमगंज जिले के पूर्व पुलिस अधीक्षक कुमार संजीत कृष्णा को सीआईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। कुमार संजीत कृष्णा का नाम अपने आप में इस भ्रष्टाचार में आना एक और बड़ी हस्ती के नाम के साथ जुड़ा हुआ है। संजीत राज्य के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्णा के भाई हैं। हालांकि, मुख्य सचिव ने सफाई देते हुए मीडिया से कहा कि इस मामले में उनका नाम न घसीटा जाए, क्योंकि संजीत एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं और, वे पूरी तरह से परिपक़्व हैं। संजीत को पुलिस पिछले दो दिनों से ढूंढ रही थी। वे भूमिगत हो गये थे। गुरुवार की दोपहर को उन्होंने असम पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत के कार्यालय में पहुंचकर एक तरह से आत्मसमर्पण कर दिया। जिसके बाद सीआईडी मुख्यालय में संजीत से एडीजीपी (लॉ एंडआर्डर) जीपी सिंह, आईजीपी सीआईडी सुरेंद्र कुमार के नेतृत्व में पूछताछ शुरू हुई। माना जा रहा था कि पूछताछ के बाद संजीत को सीआईडी गिरफ्तार कर लेगी, ऐसा ही हुआ। फिलहाल सीआईडी मुख्यालय में अभी भी पूछताछ जारी है। सूत्रों ने बताया है कि इस मामले में गिरफ्तार रुबुल हजारिका उर्फ रुबुल अली की स्वीकारोक्ति के तहत संजीत को गिरफ्तार किया गया है। सीआईडी ने संजीत के पास से दो मोबाइल फोन को जब्त किया है। आरोपों के अनुसार 40 लाख रुपये में रुबुल अली को प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी संजीत ने दी थी । उस फोटो कॉपी को रुबुल ने दिबन डेका को ह्वाट्सअप के जरिए प्रेषित किया था। सीआईडी ने संजीत के हाउस गार्ड, तीन कांस्टेबल, दत्त उपाधीधारी करीमगंज जिला के ट्रैफिक एसआई का भी बयान दर्ज किया है। सूत्रों ने बताया है कि दर्ज बयानों को सीआईडी संजीत के विरुद्ध सबूत के रूप में पेश करेगी। गत 11 अक्टूबर को कुमार संजीत कृष्ण को करीमगंज से बरपेटा जिला के एफआरआरओ पुलिस अधीक्षक के रूप में तबादला किया गया था। संजीत का तबादला दंड के रूप में किया गया था। बता दें कि परीक्षा से एक दिन पहले ही प्रश्न पत्र लीक होने की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने परीक्षा को तत्काल प्रभाव से रद्द कर मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी थी । साथ ही इस परीक्षा को नये सिरे से अतिशीघ्र आयोजित करने के लिए डीजीपी को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था। भ्रष्टाचार के उजागर होने के बाद पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद डीजीपी के नेतृत्व में नया भर्ती बोर्ड का गठन किया गया था।

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