एफएनएन, नई दिल्ली: कुख्यात विकास दुबे के एनकाउंटर से पहले ही गुरुवार देर रात उसके साथ अनहोनी की आशंका जता दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट में इसके लिए एक जनहित याचिका तक दायर कर दी गई थी। याचिका में विकास को एनकाउंटर से बचाने और उसके घर को ढहाने के मामले की जांच की मांग की गई थी। ऐसे में आशंका सही साबित होने पर अब यह माना जा रहा है कि एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों को कोर्ट के सामने सच बताना ही होगा।
क्या बताएंगे पुलिस अधिकारी कोर्ट में
सूत्रों की मानें तो याचिका में कहा गया है कि विकास दुबे ने महाकाल मंदिर में गार्ड को खुद ही जानकारी दी और फिर पुलिस को खुद ही गिरफ्तारी ताकि मुठभेड़ से बच सके। लेकिन हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे आज सुबह उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया। ऐसे में गुरुवार देर रात जताई गई आशंका के सही साबित होने पर तमाम सवाल खड़े हो गए हैं। बड़ा सवाल यह है कि आखिर पुलिस अधिकारी कोर्ट के सामने क्या जवाब देंगे। क्या बताएंगे कि विकास दुबे कैसे मारा गया। उन्हें कोर्ट के तमाम सवालों का भी जवाब देना होगा। बता दें कि मीडिया पहले ही विकास के एनकाउंटर का सच जानने को खोजबीन में जुट गई है। हालांकि विकास दुबे कुख्यात था, लेकिन लोगों का कहना है कि उसे कानूनी रूप से ही सजा मिलनी चाहिए थी।