बरेली-सितारगंज हाईवे पर खेतों में मकान दिखाकर और टिन शेड बनाकर अवैध ढंग से वसूली थी भूमि अधिग्रहण की रकम
एफएनएन ब्यूरो, बरेली। एनएचएआई अफसरों की मिलीभगत से पीलीभीत और उधमसिंह नगर के कई लोग लगभग ₹37 करोड़ का मुआवजा अवैध ढंग से डकार गए। धोखाधड़ी पकड़ में आने पर अब इन सभी को एनएचएआई द्वारा रकम वसूली (रिकवरी) के नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इन सबसे मुआवजे की रकम की वसूली (रिकवरी) की जाएगी और सभी संबंधित दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय जांच कर चार्जशीट फाइल की जाएगी।
धोखाधड़ी कर इन लोगों ने डकारा करोड़ों का मुआवजा
चंद भ्रष्ट एनएचएआई अफसरों से साठगांठ कर पीलीभीत के उगनपुर गांव के रामेश्वर दयाल ने खेत में मकान दिखाकर ₹6.48 करोड़ और हुसैननगर के साधना सिंह-हिमांशु सिंह ने भी इसी ट्रिक से ₹11.09 करोड़ का मुआवजा एनएचएआई से अवैध ढंग से वसूल लिया। हुसैननगर के नवीन, पीयूष और मनीष सिंघल ने भी हाईवे से सटे अपने खेतों में टिन शेड दिखाकर ₹5.18 करोड़, सरदार नगर के राजेश, सुरेंद्र, रामकिशोर, रमन फुटेला और मनीष सिंघल ने मकान दिखाकर ₹7.87 करोड़ और अमरिया के अंकुर पपनेजा ने भी मकान दिखाकर ₹5.72 करोड़ मुआवजे का भुगतान अवैध ढंग से ले लिया जबकि उधम सिंह नगर के नकटपुर के हिमांशु सिंघल ने खेत में टिन शेड डालकर एनएचएआई से 1.47 करोड़ की रकम मुआवजा दर्शाकर वसूल ली।
मुख्य सचिव से शिकायत, एक आईएएस अफसर भी फंसे
नवाबगंज के उधरनपुर गांव की जमीन का अधिग्रहण बरेली-सितारगंज फोरलेन में किया गया है। उधरनपुर में ही एक आईएएस अधिकारी की भी जमीन है। आरोप है कि अधिग्रहीत जमीन पर पेट्रोलियम कंपनी पेट्रोल पंप को स्वीकृति दे चुकी थी। उसके बाद भी अधिकारियों ने जमीन को व्यावसायिक नहीं दिखाकर कृषि में दिखाया। हालांकि राजस्व अधिकारियों का कहना है कि जो जमीन ली गई है, वह खेती की है। उसी गाटा नंबर में पेट्रोल पंप की स्वीकृति जरूरी है। आईएएस अधिकारी ने अभी तक जमीन का मुआवजा नहीं लिया है। इस पूरे मामले की शिकायत मुख्य सचिव से की गई है। उप्र राजस्व परिषद ने बरेली के संबंधित राजस्व अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।