एफएनएन, लखनऊ: राज्य सरकार की मंशा है कि हर परिवार में कम से कम एक युवा के पास नौकरी जरूर हो। इसके लिए योगी सरकार एक नया नियामक आयोग बनाने की तैयारी में है। रोजगार की गारंटी वाले इस प्रस्ताव को अमल में लाने के लिए सरकार संवैधानिक संस्था के रूप में रोजगार आयोग का गठन करने पर विचार कर रही है। बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिए यूपी की योगी सरकार अर्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों में हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को नौकरी देगी। इस योजना का ऐलान जल्द हो सकता है। बता दें कि ये मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005) की तर्ज पर किया जाएगा। मनरेगा के तहत ग्रामीण इलाकों में हर परिवार के लिए 100 दिन का काम और मजदूरी सुनिश्चित की जाती है। ऐसा ही योगी सरकार अपनी नई योजना के तहत कर सकती है।
एक विशेष अधिनियम की घोषणा का प्रस्ताव
एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि रोजगार आयोग की स्थापना के लिए एक विशेष अधिनियम की घोषणा का प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा गया है। ये नया आयोग मौजूदा प्रवासन आयोग की जगह लेगा। उन्होंने कहा कि जैसे मनरेगा ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरी की गारंटी देता है, यूपी का नया कानून शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हर परिवार में कम से कम एक व्यक्ति की नौकरी सुनिश्चित करेगा।
गेम चेंजर साबित होगा ये कदम
नया रोजगार आयोग, जिसे पूरा संवैधानिक दर्जा प्राप्त होगा, प्रवासन आयोग की जगह लेगा। इस प्रस्तावित आयोग का नेतृत्व मुख्य सचिव रैंक का एक अधिकारी करेगा जो इसके कमिश्नर के रूप में भी काम करेगा। योगी सरकार में रणनीतिकार इसे योगी सरकार के पहले कार्यकाल के अंतिम चरण में गेम चेंजर मान रहे हैं। इस स्कीम का एक प्रस्ताव पहले ही सीएम के पास मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है और फिर इसे राज्य मंत्रिमंडल को भेज दिया जाएगा।
बेरोजगारी की समस्या होगी हल
राज्य सरकार ने रोजगार के मामले में कई उपाय किए हैं। इनमें प्रवासन आयोग का गठन और स्पेशल एमएसएमई ऐप लान्च करना शामिल है, जो जरूरतमंदों को रोजगार देने के लिए एम्प्लोयर और नौकरी चाहने वालों को एक ही प्लेटफार्म पर लाता है। हालांकि इस सब के बावजूद माना जा रहा है कि राज्य सरकार को अभी भी बहुत कुछ करना है। राज्य सरकार ने मनरेगा के तहत 90 लाख प्रवासी मजदूरों को काम देने का दावा किया है। अब नये रोजगार आयोग से बेरोजगारी की समस्या को हल करने में काफी मदद मिलेगी, क्योंकि यह सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में जरूरतमंदों को रोजगार सुनिश्चित करेगा।