एफएनएन, नई दिल्ली: कोविड-19 को लेकर सूखी खांसी, बहती नाक, तेज बुखार और थकावट जैसे शुरूआती लक्षण सामने आए थे। इसके अलावा व्यक्ति को गंध ना आने और स्वाद ना मिलने जैसे लक्षण भी कोरोना के लक्षणों में शामिल किए गए हैं। अब सवाल ये उठता है कि क्या मरीज कोरोना से संक्रमित होने के बाद किसी भी तरह की स्मेल और टेस्ट को महसूस नहीं कर पाता है।
मरीजों को गंध का अहसास नहीं
शोधकर्ताओं का मानना है कि कोरोना के साथ एनोस्मिया यानी गंध की कमी संक्रमण का प्रारंभिक चेतावनी संकेत है। हालांकि हाल ही में हुए एक शोध में चंडीगढ़ के शोधकर्ताओं ने माना है कि कोरोना संक्रमित मरीजों को कुछ तरह की ही गंध और स्वाद महसूस नहीं होते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शोधनकर्ताओं ने स्मेल और स्वाद को लेकर सभी भारतीय घरों में मौजूद पांच अलग-अलग तरह की चीजों से आने वाली स्मेल का इस्तेमाल किया। जैसे कि लहसुन, इलायची, सौंफ, पुदीना और नारियल तेल इन सभी सुगंधों क एक अनलाइन सर्वेक्षण के आधार पर चुना गया था। जिसमें 100 लोग शामिल हुए। शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना संक्रमित लोगों को गंध का नुकसान होता है, हालांकि उनकी स्मेल की शक्ति पूरी तरह से खत्म नहीं होती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना संक्रमित दो सुगंधों का पता नहीं लगा पाए थे। उसमें नारियल तेल और पुदीना शामिल है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, जिन लोगों को इन दो चीजों की स्मेल नहीं आ रही है, उसके आधार पर कोरोना मरीजों की पहचान करने में आसानी हो सकती है। इस पद्धति का इस्तेमाल घर पर भी किया जा सकता है।