कंचन वर्मा, रुद्रपुर : उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड में भी सोमवार से नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया गया। कर्फ्यू को लेकर तमाम कयास भी लगाए जा रहे हैं। चर्चाएं यहां तक हैं कि यह चुनाव आगे खिसकाने का एक कदम है। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। आपको बता दें कि सर्वे में भाजपा को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अपनी जमीन खिसकती हुई नजर आ रही है। ऐसे में केंद्र सरकार चुनाव आगे ले जाना चाहती है।
इस बीच राष्ट्रपति शासन लगने से सरकार को जनता की परेशानियों में साथ खड़े होने का मौका मिल जाएगा और माना जा रहा है कि सरकार के पिछले कार्यकाल पर पर्दा भी पड़ सकता है, हालांकि केंद्रीय निर्वाचन आयोग की टीम उत्तराखंड पहुंच चुकी है और चुनावी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रशासनिक मशीनरी भी चुनावी मोड में आ गई है।
दमदार ढंग से दावेदारी रखने के बाद राजनीतिक दलों ने टिकट घोषित करने का सिलसिला भी शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने सरकार की मंशा को भांपते हुए कोरोना कर्फ्यू का तो समर्थन किया है लेकिन यह भी कहा है कि चुनाव नियत समय पर ही होने चाहिए।
हरीश रावत का यह कथन कहीं न कहीं केंद्र सरकार के आगे बढ़ने वाले कदमों पर प्रहार है। चुनाव आगे बढ़ेंगे या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा फिलहाल चुनावी मैदान सज चुका है और बाकी है तो सिर्फ निर्वाचन आयोग की आचार संहिता लगाने की घोषणा और प्रत्याशियों की लिस्ट। उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि अगर सरकार चुनाव को आगे बढ़ाने का काम करती है तो इससे साफ है कि उसे चुनाव में हारने का डर सता रहा है।