एफएनएन, मुरादाबाद: जिले में खनन माफिया के तार उत्तराखंड से भी जुड़े हैं। खनन के सिंडीकेट को तोड़ना प्रशासन के लिए चुनौती बन रहा है। खनन माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि प्रशासनिक अधिकारियों को भी कुचलने पर आमादा हैं। पिछले दिनों सदर तहसील के उप जिलाधिकारी राम मोहन मीणा व तहसीलदार पर अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई के लिए पहुंचने पर उन पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास हुआ था। हालांकि मामले में यह सभी बच गए थे। इसमें रिपोर्ट दर्ज की गई है।
जिले में अवैध खनन का दंश प्रशासनिक अधिकारियों पर भी भारी पड़ता है। कभी ठाकुरद्वारा तो कभी सदर तहसील के प्रशासनिक अधिकारी माफिया के निशाने पर रहते हैं। पिछले दिनों सदर तहसील के भोजपुर धर्मपुर में रविवार की रात अवैध खनन में लगे माफिया को रोकने के लिए पहुंचे एसडीएम सदर व तहसीलदार व टीम पर ट्रैक्टर चढ़ाकर कुचलने की असफल कोशिश की गई। ईंख के खेत में ट्रैक्टर फंसने के बाद उसे छोड़कर अवैध खनन करने वाले फरार हो गए थे। जिसमें लेखपाल की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी। वहीं इसके पहले ठाकुरद्वारा तहसील के प्रशासनिक अधिकारियों पर भी खनन माफिया के लोगों ने दबाव बनाने और डराने के लिए प्रयास किया। इन प्रकरणों में सख्ती न होने से खनन माफिया के हौसले बढ़ते ही जा रहे हैं। खनन का सिंडीकेट तोड़ना प्रशासनिक अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती बनी है।
जिलाधिकारी अनुज सिंह का कहना है कि हर हाल में अवैध खनन करने वालों पर सख्ती करेंगे। खनन माफिया का नेटवर्क चाहे जहां तक जुड़ा हो उसे तोड़कर उन पर कड़ी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के बार्डर के सीमावर्ती चेकपोस्ट पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी कराई जाएगी। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी इसकी नियमित मानीटरिंग करेंगे।