– भाजपा के कई बड़े नेताओं के संपर्क में हैं रुद्रपुर की पूर्व पालिका अध्यक्ष
– रुद्रपुर महिला सामान्य सीट होने पर लड़ सकती हैं मेयर का चुनाव
कंचन वर्मा, रुद्रपुर : पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष और कांग्रेस के टिकट पर गुजरा विधानसभा चुनाव लड़ चुकीं तेज तर्रार महिला नेत्री मीना शर्मा की जल्द भाजपा में ‘ एंट्री ‘ हो सकती है ! सूत्रों की मानें तो वह स्थानीय से लेकर सत्ता में बैठे कई प्रमुख नेताओं के संपर्क में हैं। चर्चा तो यहां तक है कि अगर रुद्रपुर मेयर सीट सामान्य महिला हुई तो मीना शर्मा को भाजपा मौका दे सकती है।
मीना शर्मा कांग्रेस की तेज- तर्रार नेत्रियों में गिनी जाती हैं। वह रुद्रपुर की पालिका अध्यक्ष भी रही हैं। गुजरे विधानसभा चुनाव में वह रुद्रपुर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ीं और 40,000 मत पाकर दूसरे स्थान पर रही थीं, ऐसा तब जबकि गुटबाजी के चलते कांग्रेसियों ने ही मीना को चुनाव नहीं लड़ाया ! और भाजपा को मात देने के लिए बागी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल को लोगों ने खुलकर 27,000 मत दिए। हालांकि मीना इसके बाद भी कांग्रेस में सक्रिय भूमिका में हैं। लेकिन पार्टी के स्थानीय नेताओं के फैसलों को लेकर वह लगातार दबी जुबान से विरोध करती रही हैं। इस बीच उनकी भाजपा में एंट्री के चर्चे भी हो रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो मीना स्थानीय नेताओं के जरिए भाजपा के कुछ वरिष्ठ और कद्दावर नेताओं के संपर्क में हैं। देहरादून में उनकी कुछ नेताओं से मुलाकात भी हो चुकी है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो संभावना बन रही है कि मीना को भाजपा निकाय चुनाव में उतार सकती है। यानी महिला सामान्य सीट होने पर मीना भाजपा का चेहरा बन सकती हैं। हालांकि खुद मीना और भाजपा के स्थानीय नेता इस मामले में बोलने को तैयार नहीं हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई बार कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड की बात कह चुके हैं, ऐसे में अगर मीना शर्मा को पार्टी अपनाती है तो रुद्रपुर विधानसभा में कांग्रेस के लिए यह बड़ी चोट होगी। मीना शर्मा सौम्या और सरल व्यक्तित्व की धनी हैं , ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा के स्थानीय नेता भी उन्हें चुनाव लड़ने में गुरेज नहीं करेंगे।
वहीं भाजपा एक तीर से दो निशाने भी साध सकेगी। जनरल सीट पर क्योंकि राजकुमार ठुकराल और उनके भाई संजय कांग्रेस से दावा कर सकते हैं, तो ऐसे में महिला सीट होने पर चुनाव से इन दोनों ही नेताओं का पत्ता कट जाएगा और अगर यह अपने परिवार की किसी महिला को चुनाव मैदान में उतारते भी हैं तो वह मीना शर्मा के मुकाबले कमजोर साबित हो सकती हैं।
वहीं, मीना शर्मा विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी लगातार जनता के बीच बनी हुई हैं। सुख-दुख में वह रुद्रपुर के लोगों के साथ खड़ी देखी जा सकती हैं। अब भाजपा इस मामले में क्या निर्णय लेती है या तो वक्त ही बताएगा लेकिन रुद्रपुर की सियासत अब गर्म हो चली है।