

एफएनएन, लखनऊ : लखनऊ के बिजनौर के सरवन नगर इलाके में एक पीओपी कारीगर ने अपनी पत्नी और दो बच्चों की हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद वह उसी कमरे में रहता रहा और दिन में काम पर भी जाता रहा। रविवार को मकान मालिक जब वहां पहुंचे तो बदबू आने पर कमरे में खिड़की से देखा। जहां महिला का शव पड़ा दिखा। तब उन्होंने पुलिस को सूचना दी। जब पुलिस ताला तोड़कर भीतर दाखिल हुई तो महिला के अलावा अलग-अलग बोरे में उनके दोनों बच्चों की भी लाश मिली। पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
मूलरूप से बलरामपुर के रतनपुर निवासी रामलगन गौतम बिजनौर के गौरी इलाके में किराये पर रहता था। वह पीओपी कारीगर है। 15 मार्च को उसने सरवन नगर में कमरा किराये पर लिया था। यहां पर वह पत्नी ज्योति(30), बेटी पायल (6) व बेटे आनंद (3) के साथ रह रहा था। रविवार दोपहर इलाके में रहने वाले मकान मालिक धीरेंद्र कुमार वहां पहुंचे। मकान से बहुत बदबू आ रही थी। वह तुरंत पहली मंजिल पर स्थित रामलगन के कमरे के बाहर गए। खिड़की से झांककर भीतर देखा तो जमीन पर ज्योति का शव पड़ा देखा। तत्काल उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आरोपी रामलगन को गिरफ्तार कर लिया है। मकान मालिक की तहरीर पर उसके खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज की है।
- 28 मार्च की रात वारदात को दिया अंजाम
डीसीपी साउथ तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में बताया कि 28 मार्च की रात उसने घटना को अंजाम दिया। सोते वक्त उसने पहले साड़ी से पत्नी ज्योति का गला कसा। जब उसकी सांसें थम गईं तब उसने पहले बेटी और फिर बेटे का हाथों से गला घोंट दिया। अपनों की हत्या करने के बाद भी उसके चेहरे पर जरा भी शिकन नहीं दिखी।
- आरोपी बोला….इसलिए की हत्या
पुलिस ने आरोपी से लंबी पूछताछ की। जिसमें उसने बताया कि वह करीब डेढ़ दशक पहले मुंबई में काम करता था। 2014 में वहीं पर उसने ज्योति से प्रेम विवाह कर लिया था। आरोपी के मुताबिक उसको शक था कि पत्नी के किसी दूसरे शख्स से संबंध हैं। वह उससे फोन पर बात करती थीं। इसको लेकर पहले भी विवाद हुआ था। तब वह उस युवक के साथ कमता इलाके में रहने लगी थीं। कुछ महीने के बाद वापस रामलगन के साथ रहने लगी थी। इन्हीं बातों की वजह से उसने साजिश रचकर ज्योति की हत्या की। फिर बच्चों को मारा।
- मां को बचाने के लिए गिड़गिड़ाते रहे थे बच्चे
डीसीपी के मुताबिक जैसे ही आरोपी ने पत्नी का गला कसा वैसे ही वह चींख पड़ीं। चीख सुनकर उसके दोनों बच्चे जाग गए। वह पिता का पैर पकड़ कर मां को बचाने के लिए गिड़गिड़ाते रहे लेकिन रामलगन को तरस नहीं आया। बच्चों की आंखों के सामने ही पत्नी को मा दिया। बाद में उसको लगा कि बच्चे किसी से कुछ कह न दें इसलिए एक एक कर उनको भी मौत के घाट उतार दिया।
- लाशों के पास सोता रहा, खाना बना खाता था
पत्नी और दो मासूम बच्चों की हत्या करने वाला रामलगन बेखौफ था। न तो उसको अपनों की हत्या करने का जरा भी अफसोस था न ही किसी तरह का डर। वारदात को अंजाम देने के बाद वह उसी कमरे में सोता था, जहां तीनों लाशें पड़ी थीं। उसी कमरे में खाना बनाकर खाता था, सुबह कमरा बंद कर काम पर चला जाता था। बदबू न आए इसलिए नीम की पत्तियां जलाता था। ये सब देखकर पुलिस अफसरों से लेकर इलाकाई लोग हैरान रह गए।
- समझ नहीं पा रहा था कि शवों को कैसे ठिकाने लगाए
डीसीपी साउथ तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में बताया कि हत्या करने के बाद वह समझ नहीं पा रहा था कि शव कैसे और कहां ठिकाने लगाए। इसलिए वहीं पर लाशें पड़ी रहीं। चूंकि उसकी पत्नी ज्योति के परिजनों के संपर्क में न तो वह था न ही ज्योति, इसलिए वह और भी ज्यादा बेफिक्र था। उसको पता था कि कोई भी उसकी तलाश करने नहीं आएगा। जब रविवार को उसके मकान मालिक वहां पहुंचे तो कमरे में ताला बंद मिला। उनको पता था कि वह कहां काम करता है। तभी उन्होंने पुलिस को सूचना दी, जहां से रामलगन गिरफ्तार किया गया।
- साजिश के तहत किराये पर लिया था कमरा
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी जहां पहले किराये पर रह रहा था, वहां और भी किरायेदार रहते थे। इसलिए वह साजिश के तहत सरवन नगर में रहने आ गया। यहां किराये के जिस मकान में उसने वारदात को अंजाम दिया उसका ग्राउंड फ्लोर खाली है। वह ऊपर वाले कमरे में रह रहा था। मतलब पूरे घर में वही परिवार के साथ रह रहा था। वहीं, पहले जिस घर में किराये पर रहता था उसको भी खाली नहीं किया था। नए वाले घर में उसने आराम से वारदात को अंजाम दिया। वहां कोई भी चीखपुकार सुनने वाला नहीं था।
- बच्चों के शव देख उड़े होश
मकान मालिक ने खिड़की से जब कमरे में देखा तो केवल ज्योति का शव ही दिख रहा था। किसी को जरा भी अंदाजा नहीं था कि भीतर तीन शव हैं। जब पुलिस ने कमरे का दरवाजा खोला तो सबसे पहले ज्योति का शव कब्जे में लिया। तभी पास में रखे दो बोरों पर नजर पड़ी। उसमें से एक बोरे से हाथ व दूसरे से थोड़ा सा सिर बाहर दिख रहा था। बोरे खोले गए तो उनमें दोनों मासूमों के शव मिले। ये देख सभी के होश उड़ गए।
- बच्चे बोले… मम्मी को क्यों मारा? तो उनका भी घोंट दिया गला
रामलगन पत्नी का गला कस रहा था। दोनों मासूम बच्चे चीख-पुकार कर रहे थे। वह कोशिश कर रहे थे कि पिता मां को छोड़ दें लेकिन ऐसा न हुआ। चंद सेकेंड में रामलगन ने ज्योति को मौत के घाट उतार दिया। फिर बच्चों ने जैसे ही उससे पूछा कि मम्मी को क्यों मार कर दिया…ये सुनकर रामलगन ने पहले बेटी और फिर बेटे का भी गला घोंट दिया। क्रूरता की ये बातें खुद आरोपी रामलगन ने पूछताछ में पुलिस को बताईं।
एडीसीपी साउथ शशांक सिंह के मुताबिक आरोपी पूछताछ में बोला कि घटना को अंजाम देने के बाद उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। इसलिए लाशें वहीं पड़ी थीं। उसने एक और चौंकाने वाली बात कही। रामलगन ने कहा कि उसे पत्नी पर शक था। ये भी शक था कि दोनों बच्चे उसके नहीं हैं। इसलिए पहले ही ठान लिया था कि सभी को खत्म कर दूंगा। घटना के बाद वह अपने परिवार वालों से बेहद सामान्य तरीके से ही बातचीत करता रहा। इसलिए किसी को जरा भी शक तक नहीं हुआ।
- कोई अफसोस नहीं, जो हो गया वह हो गया
वारदात से पूरा इलाका गमगीन हो गया। किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि कोई शख्स अपनी पत्नी और बच्चों की इतनी निर्दयता से हत्या कर सकता है। मकान मालिक हों या पड़ोसी, सभी कह रहे थे कि क्या बच्चों का गला दबाते वक्त इसके हाथ नहीं कांपे। वहीं, आरोपी ने पूछताछ में कहा कि तीनों की हत्या करने का उसे कोई अफसोस नहीं। बहुत विवाद होता था। जिससे वह त्रस्त हो चुका था। अब जो हो गया वह हो गया।