Wednesday, March 12, 2025
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उत्तराखंड : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- देश के विकास में आइआइटी रुड़की की अहम भूमिका

एफएनएन, रुड़की : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की का 175वां स्थापना दिवस समारोह आज मनाया गया। आइआइटी रुड़की की ओर से 175 वर्ष का गौरवशाली इतिहास रचने पर संस्थान को बधाई देते हुए माननीय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘आइआइटी रुड़की अनुसंधान में सबसे आगे है और देश और क्षेत्र के विकास में योगदान देता रहा है। मैं इस सुप्रतिष्ठित संस्थान को बधाई देता हूं।

संस्थान शिक्षा में उत्कृष्टता का वैश्विक स्तर प्राप्त करने और अपने इनोवेटिव रिसर्च से सस्टेनेबल और समतापूर्ण समाज बनाने में प्रयासरत रहा है। मुझे विश्वास है कि आइआइटी रुड़की सदैव राष्ट्र सेवा में समर्पित रहेगा और भारत के लिए विश्व गुरु की योग्यता और पहचान सुनिश्चित करेगा।

  • ध्वजारोहण के साथ हुआ समारोह

175वें स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ हुआ और इस दौरान प्रो बीवीआर मोहन रेड्डी, चेयरमैन बोर्ड आफ गवर्नर्स, आइआइटी रुड़की और प्रो केके पंत, निदेशक, आइआइटी रुड़की ने स्थापना दिवस के ऐतिहासिक पहलुओं पर अपने विचार रखे।

  • स्मारक डाक टिकट किया जारी

स्मारक डाक टिकट जारी करने के अवसर पर उपस्थित लोगों को अपने संबोधन में भारत सरकार के डाक विभाग के सचिव विनीत पांडे ने कहा, ‘आइआइटी रुड़की प्रौद्योगिकी शिक्षा और समाज के विकास में योगदान देने वाला सुप्रतिष्ठित संस्थान है। मैं संस्थान के 175वें स्थापना दिवस समारोह पर बधाई देता हूं। संस्थान के सफर में इस ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकट जारी करना मेरे लिए सम्मान की बात है। आईआईटी रुड़की निरंतर अनुसंधान और विकास में उत्कृष्टता का केंद्र बना रहे इसके लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं उसके साथ है।’

राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे यहां के छात्र
आइआइटी रुड़की में उद्यमी बनने की सशक्त संस्कृति है। संस्थान के कई पूर्व छात्रों के प्रौद्योगिकी और सामाजिक उद्यम भारत और विदेशों में सफल हैं। ये पूर्व छात्र आइआइटी रुड़की की उत्कृष्टता की विरासत को आगे ले जा रहे हैं और विशेष कर इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में योगदान देकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

  • 1847 से शुरू हुआ संस्थान का सफर

ब्रिटिश साम्राज्य के पहले इंजीनियरिंग कालेज के रूप में 1847 से संस्थान का यह सफर शुरू हुआ। इंजीनियरिंग शिक्षा, अनुसंधान और विकास (आर एंड डी), सामाजिक प्रभाव के योगदान और अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग में कई अग्रणी पहलों के साथ यह सिलसिला तेजी से आगे बढ़ा है।

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