Saturday, July 27, 2024
spot_img
spot_img
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तर प्रदेशराजनीति के पुरोधा लालजी टंडन का निधन

राजनीति के पुरोधा लालजी टंडन का निधन

एफएनएन, लखनऊ : राजनीति की चर्चित हस्तियों में शुमार मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन हो गया।। वह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में पिछले तीन महीने से मौत से लड़ रहे थे। 85 वर्ष के टंडन के निधन की जानकारी बेटे आशुतोष टंडन ने ट्वीट कर दी। पार्षदी से राजनीति की चौखट पर कदम रखने वाले टंडन लोकसभा में सांसद भी रहे हैं। सुबह पांच बजकर 35 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। टंडन के पुत्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि अंतिम संस्कार गुलाला घाट चौक में शाम साढ़े चार बजे होगा।

यूपी में 3 दिन का राजकीय शोक

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। कहा, ‘लालजी टंडन के निधन पर देश ने एक लोकप्रिय जन नेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी को खो दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा भी की है।

सांस लेने में थी दिक्कत

टंडन को पिछले महीने 11 जून को सांस लेने में दिक्कत व बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी तबीयत खराब होने के कारण उत्तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्‍य प्रदेश का अतिरिक्‍त कार्यभार सौंपा गया था।

पीएम मोदी ने जताया शोक

लालजी टंडन के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है. पीएम ने लिखा, ‘ लालजी टंडन को समाज की सेवा के उनके अथक प्रयासों के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने एक प्रभावी प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई।

जेपी आंदोलन में लिया था हिस्सा

टंडन ने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत एक पार्षद के रूप में की थी। इसके बाद जेपी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लालजी टंडन मायावती और कल्याण सिंह सरकार में मंत्री भी रहे। वहीं जब अटल बिहारी वाजपेई ने लखनऊ की लोकसभा सीट छोड़ी तो वे इसपर चुनाव जीतें।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments