
एफएनएन, चंद्र ग्रहण : धार्मिक और ज्योतिषीय तीनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका सीधा प्रभाव देश-दुनिया की गतिविधियों से लेकर पूजा-पाठ और व्यक्तिगत जीवन पर पड़ता है। हिंदू धर्म में इसे अशुभ अवधि के रूप में जाना जाता है, इसलिए इसके आरंभ से समापन तक कई नियमों का पालन किया जाता है। हालांकि, खगोलशास्त्रियों के लिए यह आकाशीय घटनाओं को समझने का अवसर होता है। वहीं ज्योतिष में इसका असर 12 राशियों और 27 नक्षत्रों पर पड़ता है, जिससे कुछ जातकों को लाभ, तो कुछ की परेशानियां बढ़ने लगती हैं। इस वर्ष 7 सितंबर 2025 को साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इसका दृश्य भारत में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। ऐसे में आइए इसके समय, प्रभाव, सूतक काल और उपायों को विस्तार से जानते हैं।
कब लगता है चंद्र ग्रहण?
चंद्र ग्रहण 2025 प्रारंभ और समापन
कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण ?
सूतक काल समय
चंद्र ग्रहण 2025 ज्योतिषीय प्रभाव
साल 2025 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण न्याय के कारक शनि की राशि कुंभ और गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में लगने वाला है। ऐसे में जिन भी जातकों का जन्म इस नक्षत्र में हुआ है उनपर विशेष कृपा बनी रहेगी। करियर-कारोबार में मनचाहा लाभ मिलने की संभावना है। नई नौकरी की प्राप्ति होगी, जिससे भौतिक सुख में वृद्धि होना संभव है। स्वास्थ्य समस्याएं दूर होंगी और रिश्तों में प्रेम-विश्वास का संचार होने के योग है।
- चंद्र ग्रहण मेष, वृषभ, कन्या और धनु राशि वालों के लिए शुभ रहने वाला है। इन राशि वालों को धन लाभ, करियर-कारोबार में सफलता, वैवाहिक सुख और निवेश में मनचाहा लाभ संभव है। इसके अलावा अटके काम पूरे और भाग्योदय के भी योग बन रहे हैं।
- मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वालों को सभी क्षेत्र में सावधानियां बरतनी होगी। आप कोई भी यात्रा न करें। किसी नए कार्य को शुरू करने का अगर विचार बना रहे हैं, तो अभी ठहराव बेहतर रहेगा। व्यापार में चुनौतियां आ सकती हैं। काम को पूरा करने में दिक्कतें आएंगी। किसी से भी कोई जानकारी साझा न करें।
अपनी राशि के अनुसार करें इन चीजों का दान
मेष राशि
दान- लाल मसूर की दाल
वृषभ राशि
दान- सफेद चीजों का दान
मिथुन राशि
दान- हरे रंग के वस्त्र दान
कर्क राशि
दान- मिश्री युक्त दूध का दान
सिंह राशि
दान- गुड़ का दान करें
कन्या राशि
दान- हरी मूंग का दान
तुला राशि
दान- चावल और घी का दान
वृश्चिक राशि
दान- लाल रंग की चीजों का दान
धनु राशि
दान- दाल का दान करना
मकर राशि
दान- तिल का दान
कुंभ राशि
दान- तेल का दान
मीन राशि
दान- हल्दी का दान
- ग्रहण की अवधि में सोना नहीं चाहिए।
- बाल या नाखून भी नहीं काटना चाहिए।
- ग्रहण में रसोई का कोई काम नहीं करना चाहिए।
- भोजन ग्रहण भी नहीं करना चाहिए।
- पूजा-पाठ और भगवान की मूर्तियों को नहीं छूना चाहिए।
- कोई भी खरीदारी ग्रहण में न करें।
- शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए।
- गर्भवती महिलाएं बाहर जाने की भूल न करें।
- आसमान को नहीं देखना चाहिए।
- सुई से जुड़ा कोई भी काम न करें
चंद्र ग्रहण पर ‘ग्रहण योग’
ज्योतिषियों के मुताबिक चंद्र ग्रहण शनि की राशि कुंभ और गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में लगेगा। इस समय चंद्रमा कुंभ राशि में ही मौजूद रहेंगे। खास बात यह है कि इस राशि में पहले से ही राहु विराजमान है। ऐसे में कुंभ राशि में राहु-चंद्रमा की युति से ग्रहण योग बनेगा। यही कारण है कि चंद्र ग्रहण पर ‘ग्रहण योग’ का संयोग रहेगा।
ग्रहण में क्या करना चाहिए
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय इन दो मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।
भगवान विष्णु गायत्री मंत्र
ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात:
भगवान विष्णु का बीज मंत्र
ॐ बृं बृहस्पतये नमः
महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।

