दिल्ली के टीकरी, सिंघु बॉर्डर, यूपी गेट और चिल्ला बॉर्डर पर सोमवार रात में भी जारी रहा किसानों का धरना
एफएनएन,नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि बिलों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में मंगलवार को भारत बंद का ऐलान किया गया है। इस बीच हरियाणा से सटे दिल्ली के टीकरी और सिंघु बॉर्डर के साथ दिल्ली यूपी गेट और चिल्ला बॉर्डर पर भी किसानों का धरना जारी है। किसान संगठनों ने सोमवार को बॉर्डर से ऐलान किया है कि वह सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक सभी बॉर्डर को सील करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि किसान पहले ही सड़कें जाम करने का ऐलान कर चुके हैं। इस कड़ी में मंगलवार सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक सड़कें जाम की जाएंगी। भारत बंद के दौरान दिल्ली में बाहरी वाहनों को प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा।
जरूरी सेवाओं को भी राहत नहीं
भारत बंद के दौरान आपातकालीन सेवाएं एंबुलेंस, दमकल और पुलिस के वाहनों को ही बॉर्डर से निकाला जाएगा। बॉर्डर जाम रहने के दौरान जरूरी सेवाएं जैसे सब्जी, दूध और अन्य आवश्यक वस्तुएं ला रहे वाहनों को भी दिल्ली मेंं घुसने नहीं दिया जाएगा। ््
पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा
भारत बंद के दौरान यूपी और हरियाणा बॉर्डर से किसान दिल्ली में प्रवेश न कर सकें, इसके लिए दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद व नोएडा के सभी बॉर्डरों यूपी गेट, चिल्ला, अप्सरा व भोपुरा पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। पुलिस के साथ ही अर्द्धसैनिक बलों की कई टुकडि़यां यहां तैनात की गई हैं।
आंदोलनकारियों से टकराव के लिए भी.दिल्ली पुलिस तैयार
पुलिस ने वाटर कैनन भी खड़ी कर दी हैं। साथ ही चार स्तरीय बैरिकेडिंग यूपी गेट व नोएडा बॉर्डर पर की गई है, पत्थर के बैरिकेड भी लगाए गए हैं। दिल्ली पुलिस किसानों को सड़के जाम करने से रोक सकती है, ऐसे में टकराव बढ़ सकता है।
16 राज्यों में थम सकते हैं ट्रेनों के चक्के
किसानों के भारत बंद का असर सड़क से लेकर रेल मार्ग पर भी दिखाई दे सकता है। रेलवे की दो सबसे बड़ी यूनियनों ऑल इंडिया रेलवे मैन फेडरेशन और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मैन ने भी बंद को अपना समर्थन दिया है। ऐसे में भारतीय रेलवे को इस तरह की आशंका है कि बंद के दौरान 16 राज्यों में यातायात संचालन में बाधा पैदा की जा सकती है। इस बाबत रेलवे ने ट्रेनों और स्टेशन परिसरों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उधर, गाजीपुर की तीन मंडियों के व्यापारियों ने भी किसानों के आंदोलन को पूरा समर्थन देने. की घोषणा की है।