एफएनएन ब्यूरो, बरेली। करोड़ों रुपये के खुसरो कॉलेज डी. फार्मा फर्जीबाड़े में एसआईटी को गुरुवार को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पिछले काफी समय से फरार चल रहे कॉलेज के प्रिंसिपल समेत तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
एसपी साउथ के नेतृव में गठित एसआईटी सैकड़ों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए डी. फार्मा की फर्जी डिग्रियां बांटने वाले खुसरो कॉलेज के मालिक शेरअली जाफरी और फर्जीबाड़े में बराबर के भागीदार नकली डॉक्टर विजय शर्मा को पकड़कर पहले ही जेल भेज चुकी है।
बताते चलें कि थाना सीबी गंज क्षेत्र में खुसरो कॉलेज में पिछले छह साल से डी. फार्मा की फर्जी डिग्री बांटने का खेल चल रहा था। जब छात्रों ने डिग्री लेने के बाद नौकरी के लिए अलग अलग जगह अप्लाई किया तो उनको बताया गया कि उनके पास जो डी फार्मा की डिग्री है, वो फर्जी है। इस पर छात्रों के होश उड़ गए। कॉलेज के द्वारा करीब 400 छात्रों से तीन करोड़ 69 लाख 94 हजार रुपये फीस वसूली गई थी। मामले की जांच शुरू हुई तो कुछ समय पहले कॉलेज के मालिक शेर अली जाफरी और फर्जीबाड़े में शामिल फर्जी डॉक्टर विजय शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। कॉलेज के प्रिंसिपल सहित तीन आरोपी फरार चल रहे थे। एसआईटी ने गुरुवार को फरार चल रहे कॉलेज के प्रिंसिपल विश्वनाथ शर्मा निवासी सीबीगंज, कॉलेज के क्लर्क तारिक अल्वी निवासी मीर खां बाबरनगर मीरगंज, जाकिर अली निवासी अभयपुर थाना भोजीपुरा को जोहरपुर कट थाना सीबीगंज से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को न्यायलय में पेश करने के बाद उनको जेल भेज दिया।
आरोपियों में बंटता था कमीशन
एसआईटी द्वारा पकड़े गए तीनों आरोपियों ने बताया कि जाकिर अली और तारिक अल्वी खुसरो मेमोरियल पीजी कॉलेज में क्लर्क के पद पर कार्य करते थे। विश्वनाथ शर्मा खुसरो मेमोरियल पीजी कॉलेज में आईटीआई ब्रांच तथा मेडिकल ब्रांच में प्रधानाचार्य के पद पर थे। जाकिर अली और तारिक अल्वी द्वारा कॉलेज में डी फार्मा और अन्य कोर्सों में एडमिशन लेने वाले छात्रों से फीस लेकर रसीदें दी गईं तथा कुछ छात्रों से फीस के रूप में ऑनलाइन रुपए भी लिए गए। प्रत्येक छात्र से फीस उगाही के एवज में दोनों लोग कमीशन भी प्राप्त करते थे।