एफएनएन, रुद्रपुर : देश में 14 साल तक के बच्चों को शिक्षा देना आरटीई (RTE- Right to education) व मानव अधिकार के दायरे में आता है। शिक्षा के अधिकार को भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार में जोड़ा गया है। यूनाइटेड नेशंस में भी 14 साल तक उम्र के बच्चों को शिक्षा देेने का जिक्र है। ऐसे में इस उम्र तक के बच्चों को स्पेशलाइज्ड शिक्षा देना मानव अधिकार का उल्लंघन है। यह बात केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Mohammad Khan) ने RTE लागू होने पर भी मदरसों में शिक्षा देने के सवाल पर कही। हालांकि इस दौरान ऐसे में मदरसों पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए, के सवाल को वह टाल गए।
10 साल में और मजबूत होगी प्राइमरी शिक्षा
राज्यपाल खान गुरुवार को ओमेक्स कालोनी रुद्रपुर में जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुभाष छाबड़ा से उनके आवास पर मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार शिक्षा के क्षेत्र में खासकर बुनियादी शिक्षा में कार्य कर रही है। ऐसे में अगले 10 साल में देश में प्राइमरी शिक्षा और मजबूत होगी।
तीन तलाक पर कानून बनाकर सरकार ने किया अच्छा काम
उन्होंने कहा कि तीन तलाक पर वर्तमान केंद्र सरकार ने कानून बनाकर अच्छा कार्य किया है। इस मामले में प्रधानमंत्री से वह एक बार मिले थे और वह समस्या को समझ गए थे। मगर जब वह कांग्रेस सरकार में थे और शाहबानो केस के मामले में कई बार बात की, फिर भी कांग्रेस सरकार उनकी बात नहीं समझ सकी थी। ऐसे में पीएम मोदी काे जितना भी धन्यवाद दिया जाए, उतना कम है।
केरल के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति गलत
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केरल के वित्त मंत्री को भारत की एकता व अखंडता की शपथ दिलाई गई थी, मगर वित्त मंत्री ने एक कार्यक्रम में एकता व अखंडता के खिलाफ भाषण दी थी, जो एकता व अखंडता के खिलाफ है। इसलिए वह शपथ को प्लेजर विथ ड्रा करना चाहते हैं। यही नहीं, केरल के नौ विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की गलत नियुक्ति की गई थी। इसलिए नियम के तहत नियुक्ति करने को कहा है।
केरल सांस्कृतिक व आध्यात्मिक रूप से समृद्ध
खान ने कहा कि जब राजनीतिक रूप से केरल बंटा था तो श्री नारायण गुरु ने राज्य में राजनैतिक एकजुटता के लिए सांस्कृतिक व आध्यात्मिक रूप से कार्य किया। केरल ने कई शंकराचार्यों को दिया है। केरल के लोगों में राष्ट्र की भावना मजबूती के साथ भरी है। राज्यपाल खान ने कहा कि मुझे कार्य में संतुष्टि मिलती है, इसलिए वह बेहतर से बेहतर कार्य करते रहते हैं। उन्होंने इमरजेंसी व छात्र जीवन के अनुभव लोगों से साझा किए। लंच में पपीता, पराठा व रायता लिया।
ऐसे मिले थे सुभाष छाबड़ा और आरिफ मोहम्मद खान
बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुभाष छाबड़ा ने बताया कि जब वह लखनऊ विवि में छात्र संघ के सचिव थे तो उसी समय आरिफ मोहम्मद खान से परिचय हुआ था। खान अलीगढ़ मुस्लिम विवि के छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इमरजेंसी के दौरान लखनऊ की माडल जेल में वह और खान दोनों बंद थे। उसी दौरान से दोस्ती और मजबूत हुई थी। दोनाें लोग इमरजेंसी का विरोध करने पर जेल गए थे। इस मौके पर यशपाल घई, कस्तूरी लाल तागरा, राजकुमार फुटेला, एसडीएम कौस्तुभ मिश्रा, डाक्टर मनोज कुमार तिवारी आदि मौजूद थे।