एफएनएन, देहरादून: उत्तराखंड में केसर की खेती शायद ही किसी ने सुनी होगी। केसर को दुनिया के सबसे महंगे पौधे के रूप में जाना जाता है। जीबी पंत हिमालय पर्यावरण संस्थान ने केसर उत्पादन का सफल परीक्षण किया है। इससे किसानों को कई गुना लाभ होने की उम्मीद है। संस्थान के निदेशक आर एल रावत ने कहा कि संस्थान ने परीक्षण के तौर पर कश्मीर से केसर मगाया था। कश्मीर में भी संस्थान किसानों के साथ जुड़कर केसर का उत्पादन करवा रहा है। संस्थान का कहना है कि राज्य में लौटे लाखों प्रवासियों के लिए केसर का उत्पादन मुख्य व्यवसाय हो सकता है। इसमें अधिक लाभ किसान को मिलता है और लागत भी कम है। इसका सुझाव पर्वतीय राज्यों को भी दिया जायेगा।
पिछले दो सालों से शोध में लगे संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक भी मानते हैं कि राज्य में यह प्रयोग सफल रहा है। अब गांवों में भी केसर का उत्पादन हो सकता है, केसर उगाने में मात्र 3 महीने लगते हैं। हर किसान को केसर का उत्पादन अधिक से अधिक करना चाहिए जिसमें अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। अभी तक कश्मीर में ही केसर का उत्पादन अधिक होता है। पहाड़ के गांवों में केसर की खेती होगी तो युवाओं को अच्छा मुनाफा होगा।