- कोरोना के बढ़ते खतरे को भांपते हुए शासन-प्रशासन को लेना पड़ा सख्त फैसला
एफएनएन, हरिद्वार। वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण के भयावह होते खतरे के प्रति पूरी तरह चौकन्नी उत्तराखंड सरकार ने लाखों श्रद्धालुओं की सनातन-अटूट आस्था के बावजूद तीर्थनगरी हरिद्वार में तीन दिन बाद 30 नवंबर के कार्तिक पूर्णिमा (पूर्णमासी) के गंगा स्नान को रद्द कर दिया है। बाहरी राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए 29 और 30 नवंबर को हरिद्वार जिले की सीमाएं सील रहेंगी। हरकी पैड़ी पर स्नान पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाएगा।
घाटों पर नहीं पहुंच पाएंगे बाहरी-स्थानीय श्रद्धालु
कार्तिक पूर्णिमा का गंगा स्नान रद्द होने के बाद हरकी पैड़ी पर कोई भी यात्री या फिर स्थानीय व्यक्ति स्नान को न पहुंच सके, इसके लिए हरकी पैड़ी पर पुलिस का पहरा होगा। हरिद्वार जिले की सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ाने की पूरी तैयारी है। सभी सीमाओं को दो दिन के लिए सील किया जाएगा, ताकि कोई भी यात्री हरिद्वार में न आ सके। स्थानीय लोगों के लिए भी हरकी पौड़ी पर आगमन, स्नान पर प्रतिबंध लगाया गया है। हर की पौड़ी और आसपास के सभी गंगा घाटों पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके लिए नगर कोतवाली पुलिस ने दो प्लाटून पीएसी के अलावा 20 दरोगा और 50 कांस्टेबल के अतिरिक्त पुलिस बल की शासन से डिमांड की है। देखना होगा कि कितना पुलिस बल पूर्णिमा के दिन हरकी पौड़ी पर लगाया जाता है?
श्री गंगा सभा और व्यापारी कर रहे हैं भारी विरोध
उधर, श्री गंगा सभा और व्यापारी कार्तिक पूर्णिमा पर हर की पौड़ी और हरिद्वार के अन्य गंगा घाटों पर प्रवेश और स्नान पर प्रतिबंध का भारी विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि हरकी पौड़ी को प्रतिबंध से मुक्त किया जाए। बीते बुधवार को प्रशासन के साथ हुई बैठक में व्यापारी और श्री गंगा सभा के पदाधिकारी भारी नाराजगी जाहिर भी कर चुके हैं। जिला प्रशासन के आदेशों के पालन के लिए पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड में है। हरकी पौड़ी, सीसीआर टॉवर समेत और अन्य संबंधित प्वाइंट्स पर बैरिकेडिंग भी कराई जाएगी। नगर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा का स्नान रद्द होने के बाद हरिद्वार के सभी गंगा घाटों पर पुलिसकर्मियों की अतिरिक्त ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके लिए शासन को डिमांड भेज दी गई है।