एफएनएन, कानपुर: कन्या विवाह सहायता योजना में करोड़ों के फर्जीवाड़े की जांच कर रही साइबर सेल ने प्रेमी जोड़े व श्रम विभाग के एक आउटसोर्स कर्मी (सहायक लेखाकार) समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया है। पुलिस का दावा है कि मास्टरमाइंड ने वेब पोर्टल की कमियों को ही अपना हथियार बनाकर सहायक लेखाकार, प्रेमिका व अन्य साथियों की मदद से रकम फर्जी लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की और फिर अपने खाते में लेकर आपस में बांट ली। सचेंडी निवासी मुख्य आरोपी उदित मिश्रा की विभाग प्रोग्रामिंग से लेकर अन्य दिक्कतों को दूर करने में मदद भी लेता था।
कानपुर: श्रम विभाग का मददगार ही निकला 1.25 करोड़ के फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड, पुलिस ने किया खुलासा
बुधवार को पुलिस कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड उदित मिश्रा सजेती में जन सेवा केंद्र चलाता था। इसके साथ ही वह नैतिक हैकर (एथिकल हैकर) के तौर पर सरकारी व निजी वेबसाइटों व पोर्टल में कमियां बताकर पैसे कमाता था। इसी वजह से उसका श्रम विभाग के अधिकारियों से संपर्क हो गया।
उसकी काबिलियत देख लखनऊ के अधिकारियों ने उसे पोर्टल की प्रोग्रामिंग से लेकर अन्य दिक्कतों को दूर करने के लिए बुलाना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से उसकी विभाग में अच्छी पैठ हो गई। वहीं, शिक्षा विभाग के ट्रेजरी अफसर जिनके पास श्रम विभाग के ट्रेजरी अफसर का भी अतिरिक्त चार्ज था, के सहायक लेखाकार सीतापुर के मूल निवासी विनय दीक्षित से उदित ने संपर्क किया।
उसकी मदद से उदित ने ट्रेजरी अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर को हासिल कर लिया। इसके साथ ही पोर्टल की कमियों का फायदा उठाते हुए बिना किसी आवेदक के सत्यापन की पूरी प्रक्रिया को बाईपास कर 1.10 करोड़ रुपये 201 अपात्र श्रमिकों के फर्जी पंजीकरण कर व कन्या विवाह योजना का आवेदन कर ट्रांसफर कर दिए।
गैंग के मुखिया उदित ने कमियां पता लगने के बाद टेस्ट करने के लिए 17 जनवरी को करीब एक दर्जन अपात्र लोगों के आवेदन कर 15 लाख रुपये निकाले। खास बात यह है कि इस बात की भनक श्रम विभाग को 1.10 करोड़ का घोटाला सामने आने के बाद भी नहीं लगी थी। हालांकि जांच टीम ने जब उदित और उसके भाई अंकित मिश्रा के बैंक खातों को खंगाला तो इसकी पुष्टि हुई। ट्रायल के दौरान निकाले गए 15 लाख रुपये को ट्रांसफर करने के लिए किराये के बैंक खाते विनय दीक्षित ने मुहैया कराए थे।
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