एफएनएन, भोजपुर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों की रात जन सुराज पार्टी के लिए दो बड़ी बुरी खबरें लेकर आई. पहली तो पार्टी की व्यापक हार थी, और दूसरी तरारी सीट से उनके उम्मीदवार चंद्रशेखर सिंह का निधन हो गया. यह दुखद घटना पार्टी के नवोदित सफर पर गहरा असर डाल गई.
चुनाव प्रचार के दौरान दिल का दौरा: तरारी विधानसभा सीट से जन सुराज के उम्मीदवार चंद्रशेखर सिंह को 31 अक्टूबर को प्रचार के दौरान अचानक हार्ट अटैक पड़ा. समर्थकों और परिवार ने उन्हें फौरन पटना के अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज शुरू हुआ लेकिन 10 दिनों की जद्दोजहद के बाद भी डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके.
नतीजों की रात बनी दुखद: 14 नवंबर की रात, जब चुनाव परिणाम आ रहे थे, ठीक उसी वक्त चंद्रशेखर सिंह का निधन हो गया. उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती रही और परिवार के लिए यह तारीख हमेशा के लिए दर्दनाक बन गई.
विरोधी और समर्थक दोनों में शोक: चंद्रशेखर सिंह की अचानक मौत से न सिर्फ जन सुराज के समर्थक दुखी हैं, बल्कि विरोधी और तरारी से विजयी बीजेपी उम्मीदवार विशाल प्रशांत भी शोक में डूबे हैं. जन सुराज के नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.
रिटायर टीचर से राजनीति की ओर: चंद्रशेखर सिंह एक सेवानिवृत्त प्रधान अध्यापक थे. भोजपुर के कुरमुरी गांव के निवासी वे ‘मास्टर साहब’ के नाम से मशहूर थे. राजनीतिक पृष्ठभूमि न होने के बावजूद उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा मजबूत थी. प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से जुड़कर उन्हें पहली बार चुनाव लड़ने का मौका मिला.
तरारी सीट पर मिली हार: तरारी सीट पर पहले चरण में मतदान हुआ था. परिणामों में बीजेपी के विशाल प्रशांत ने 11,464 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. वहीं जन सुराज के चंद्रशेखर सिंह को महज 2,271 वोट मिले, जो पार्टी की कमजोर स्थिति को दिखाता है.
पार्टी के लिए सबक और संवेदना: जन सुराज पार्टी के लिए यह चुनावी हार और उम्मीदवार की मौत दोनों ही बड़ा झटका हैं. नेताओं ने परिवार को सांत्वना दी है, जबकि यह घटना नए राजनीतिक दल की चुनौतियों को उजागर करती है. बिहार की राजनीति में जन सुराज का सफर अब और कठिन हो गया है.





