एफएनएन, देहरादून : पार्टी ने भले ही अनुशासनहीनता का नोटिस जारी कर दिया हो, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले विधायक पूरन सिंह फर्त्याल के तेवर अब भी जस के तस हैं। उन्होंने कहा है कि अभी न तो उनको नोटिस मिला है और न ही उन्हें इस संबंध में टेलीफोनिक जानकारी मिली है। फिर भी अगर उन्हें नोटिस जारी हुआ है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। बोले, विधायक होने के नाते उन्होंने विधानसभा में कार्य स्थगन की सूचना लगाई थी। इस मामले में डेढ़ साल पहले उन्होंने कार्य स्थगन की सूचना दी थी, तब ठेकेदार का टेंडर निरस्त हुआ, अधिकारी सस्पेंड हुए तब संगठन के लोगों ने मेरी पीठ थपथपाई। उस समय कोई नोटिस नहीं दिया गया। फर्त्याल ने कहा है कि नियमों में कही ऐसा नहीं है कि सत्ता पक्ष का विधायक कार्य स्थगन की सूचना नहीं दे सकता है। पहले भी विधायक कार्य स्थगन की सूचना दे चुके हैं। न्होंने कहा कि नोटिस मिलने के बाद वह पार्टी को अपना जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि मामला गंभीर है। इस मामले में 22 कर्मचारियों पर डेंट लगा है। इस पूरे मामले में लीपापोती हो रही है। नियम 58 के तहत मुझे नोटिस देते हैं तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा टनकपुर-जौलजीबी (टीजे) मोटर मार्ग के ठेके के आवंटन में धांधली व भ्रष्टाचार होने के आरोप लगाते हुए विधायक फर्त्याल शुरू से ही मुखर हैं। नोटिस जारी होने की सूचना के बाद भी इस मामले में विधायक फत्र्याल के फर्त्याल तेवर नरम नहीं पड़े हैं। कहा कि वह नियम 58 के तहत 2019 में भी विधानसभा में सवाल उठा चुके हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी आवाज थमेगी नहीं, बल्कि और तेज होगी। लगातार दूसरी बार विधायक बने भाजपा नेता फर्त्याल ने कहा कि उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति से प्रेरित है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने से वह भाजपा की छवि को बेहतर कर रहे हैं।
कारण बताओ नोटिस जारी होना दुर्भाग्यपूर्ण : फर्त्याल
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