एफएनएन, देहरादून : वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दूसरे दिन स्टार्टअप सत्र में विशेषज्ञों ने युवा उद्यमियों को निवेश और बिजनेस खड़ा करने के मंत्र दिए। प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ का वेंचर फंड बनाया है। इससे नवाचार आइडिया को बिजनेस में बदलने के लिए सरकार वित्तीय सहायता देगी।
स्टार्टअप क्षेत्र में उत्तराखंड देश के श्रेष्ठ पांच राज्यों में शामिल है। स्टार्टअप सत्र की अध्यक्षता करते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ. सौरभ बहुगुणा ने कहा, उत्तराखंड डेस्टिनेशन स्टार्टअप हब के रूप में विकसित हो रहा है। युवाओं के लिए रोजगार प्रदाता के रूप में उभरने के पर्याप्त अवसर हैं। इसके लिए सरकार ने नई स्टार्टअप नीति लागू की है।
कहा, बिजनेस शुरू करने के लिए स्टार्टअप के पास पैसा नहीं होता, जिससे सरकार ने वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए 200 करोड़ का वेंचर फंड बनाया है। इसके अलावा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप के लिए प्रति माह 10 हजार से 15 हजार तक मानदेय भी दिया जा रहा है। स्टार्टअप के क्षेत्र में उत्तराखंड देश के पांच शीर्ष राज्यों में शामिल है।
- उत्पाद का पेटेंट कराने के लिए पांच लाख तक वित्तीय सहायता
कहा, 2016 में राज्य में मात्र चार स्टार्टअप थे। वहीं, अब राज्य में केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त 950 स्टार्टअप और राज्य सरकार से 152 स्टार्टअप मान्यता प्राप्त हैं। स्टार्टअप अपनी बुलंदियों पर पहुंचकर नए स्टार्टअप की भी मदद कर रहे है।
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नई नीति में नए इनक्यूबेशन सेंटर खोलने पर एक करोड़ और विस्तारीकरण के लिए 50 लाख तक की सहायता दी जा रही है। उत्पाद का पेटेंट कराने के लिए पांच लाख तक वित्तीय सहायता दी है। ट्रेडमार्क के लिए 10 हजार रुपये की सहायता देने की व्यवस्था है।
सत्र के पैनलिस्ट प्राइस वाटर हाउस कूपर्स प्राइवेट लिमिटेड के एसोसिएट प्रोफेसर उदित शर्मा, ग्लोबल एसवीपी से डाॅ. सुबी चतुर्वेदी, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से डाॅ. अमन मित्तल, लॉग नौ से अक्षय सिंघल, कामर्शियल काउंसलर अजय सिंह ने उत्तराखंड में स्टार्टअप सेक्टर की संभावनाओं पर चर्चा की। साथ ही स्टार्टअप को बिजनेस के सफलता का मंत्र दिया।