एफएनएन, धारचूला : कोरोना के चलते विगत चार वर्षो से बंद भारत चीन सीमांत स्थलीय व्यापार को इस वर्ष से आरंभ करने की भारत चीन व्यापार समिति धारचूला ने की है। भारत चीन सीमांत स्थलीय व्यापार वर्ष 1962 के बाद तीस वर्षो बाद वर्ष 1992 में आरंभ हुआ था। कोविड के चलते व्यापार वर्ष 2020 से बंद हो गया। व्यापार बंद होने से सैकड़ों व्यापारियों की रोजी रोटी प्रभावित है।
वर्ष 2019 में व्यापार हुआ परंतुू 2020 में व्यापार होने से ही पूर्व ही कोरोना काल आ गया। कोरोना काल समाप्त हो गया परंतु भारत चीन सीमांत स्थलीय व्यापार प्रारंभ नहीं हो सका। जिसकी मार सीमांत के चार सौ से अधिक व्यापारी झेल रहे हैं। चीन व्यापार में भाग लेने वाले व्यापारियों का मुख्य व्यवसाय ही भारत चीन व्यापार रहा है।
दोहरा नुकसान झेल रहे हैं व्यापारी
व्यापार के दौरान भारतीय व्यापारी तकलाकोट में दुकान और गोदाम किराए पर लेते थे। जून से अक्टूबर तक चलने वाले व्यापार में व्यापार की समाप्ति पर बचा सामान अपने किराए के गोदामों में रखकर आते थे। अगले वर्ष व्यापार में यह सामान भी बिकता था। वर्ष 2019 में भी व्यापारी अपना सामान तकलाकोट केकिराए के गोदामों में रख कर आए। 2020 कोरोना के चलते व्यापार बंद है।
गोदामों में रखा अधिकांश सामान उपयोग तिथि समाप्त होने से बेकार हो चुका है। कंबल आदि सामान गोदामों में खराब होने के कगार पर है। व्यापारियों को बिना व्यापार के ही तकलाकोट में किराए पर लिए गोदामों का किराया भी देना है। जिसके चलतेे व्यापारी दोहरा नुकसान झेल रहे हैं।
जब व्यापार बढ़ने के आसार बने तो लगा कोरोना का ग्रहण
वर्ष 1992 से वर्ष 2019 तक भारतीय व्यापारियों को तवाघाट बाद में नजंग से सामान जानवरों की पीठ पर ढोकर लिपुलेख पहुंचाना पड़ता था। जिसमें व्यापारियों को भारी ढुलान खर्च वहन करना पड़ता था। वर्ष 2020 में लिपुलेख तक सड़क बनी और भारतीय व्यापारियों के लिए वाहन से सामान ले जाने की आस जगी परंतु तब तक व्यापार आरंभ होने से पूर्व ही कोरोना ने दस्तक दे दी। भारत चीन व्यापार जून से होता था और उससे पूर्व मार्च से ही लॉकडाउन हो गया।
प्रधानमंत्री से तक लगा चुके हैं व्यापारी गुहार
अक्टूबर माह में आदि कैलास और गुंजी आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सीमांत व्यापारियों द्वारा भारत चीन व्यापार आरंभ करने की मांग की गई । कोरोना काल समाप्त होने के बाद लगातार मांग की जा रही है। भारत चीन सीमा व्यापार समिति के अध्यक्ष जीवन यिंह रौंकली का कहना है कि भारत चीन व्यापार में भाग लेने वाले व्यापारियों और सहायकों की आजीविका यही व्यापार रहा है। उन्होंने भारत सरकार से व्यापार आरंभ कराने का अनुरोध किया है।
इसी क्रम में शुक्रवार को धारचूला पहुंचे पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी को ज्ञापन सौंपा और मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम का ज्ञापन भी भेजा। एक माह भी व्यापार खुलता तो मिलती राहत भारत चीन सीमा व्यापार समिति का कहना है कि सरकार एक माह के लिए भी व्यापार खोल दे तो भारतीय व्यापारी तिब्बती मंडी तकलाकोट जाकर अपने गोदामों में रखे सामान को बेच कर अपने नुकसान को कुछ कम कर सकें ।