एफएनएन ब्यूरो, बैरकपुर-कोलकाता। बांग्लादेश के प्रमुख वकील रवींद्र घोष ने सोमवार को बैरकपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जेल में बंद हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास का केस लड़ने के फैसले के बाद से उन्हें लगातार हत्या की धमकियां मिल रही हैं, लेकिन न्याय और अल्पसंख्यकोंके अधिकारों की रक्षा के लिए वे हत्या के डर से अपनी लड़ाई बीच में हरगिज़ नहीं रोकेंगे।
बता दें कि अधिवक्ता रवींद्र घोष इलाज के लिए पत्नी-बच्चों के साथ कोलकाता के पास बैरकपुर आए हुए हैं। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार दास को निशाना बना रही है, क्योंकि वह हिंदुओं पर अत्याचारों के खिलाफ मुखर रहे हैं और सताए गए अल्पसंख्यक समुदाय को एकजुट कर रहे हैं।
झूठे मामले भी दर्ज हो सकते हैं’
बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय के वकील रविंद्र घोष ने बताया, मुझे पता है कि मेरे खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा सकते हैं, लेकिन इससे मैं नहीं रुकूंगा। मैंने जीवन भर अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। मैंने मुसलमानों के लिए भी मुकदमे लड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाने में मदद की है। एक दिन मौत आएगी, लेकिन मैं लड़ाई जारी रखूंगा।
रवींद्र घोष ने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिंदू अल्पसंख्यकों द्वारा निभाई गई भूमिका पर प्रकाश डालते हुए दुख जताया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ चल रहे अत्याचार युद्ध के ‘मूल सिद्धांतों’ को पराजित करते हैं, जो पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान, अब बांग्लादेश के नागरिकों के साथ असमान व्यवहार को समाप्त करने के लिए लड़ा गया था।
हर दिन मिल रहीं हत्या की धमकियां- घोष
घोष कोलकाता के पास बैरकपुर में इलाज के लिए आए हैं। बैरकपुर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने रवींद्र कहा, “चिन्मय कृष्ण दास का केस लड़ने की मेरी घोषणा के बाद से मुझे लगातार जान से मार डालने की धमकियां मिल रही हैं।”
हाल ही में हुई है चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी
बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को कुछ दिन पहले ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर 2 जनवरी तक जेलन्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था।