एफएनएन, हाथरस: हाथरस गैंगरेप केस में हंगामा और राजनीति जारी है। राहुल-प्रियंका के बाद आज तृणमूल (टीएमसी) के नेताओं ने गैंगरेप पीड़ित के गांव पहुंचने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने गांव के बाहर ही रोक दिया। गांव में मीडिया की एंट्री पर रोक लगा दी गई, किसी नेता को जाने नहीं दिया जा रहा है, खुद डीएम जाकर परिवार से धमकी भरे अंदाज में बात कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन की ओर से कई तरह की सख्ती बरती जा रही है। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, हालांकि पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था। गैंगरेप की बात को गलत करार दिया है। अब देश में दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग उठ रही है।
इस बीच आज शुक्रवार को टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन को रोका गया और उनके साथ बदसलूकी की गई। इतना ही नहीं अब पीड़िता के गांव में मीडिया की एंट्री पर भी रोक लगा दी गई है। हाथरस जिले की सीमाएं सील कर दी गई हैं, साथ ही धारा 144 लगाई गई है। इसके अलावा प्रशासन ने मीडिया को गांव के अंदर जाने से रोक दिया है। अब प्रशासन के रवैये और उनके मकसद पर सवाल खड़े होते हैं। क्योंकि प्रशासन सच बाहर आने से बचना चाहता है, इसी वजह से किसी भी एंट्री पर रोक लगा दी है।
गांव वालों से अपराधियों जैसा हो रहा सलूक
पीड़िता के भाई ने कहा पुलिस ने हाथरस जिले में धारा-144 लगाने के साथ ही पीड़ित के गांव में नाकेबंदी कर रखी है। पूरे गांव को छावनी बना दिया गया है। गांव के लोगों को भी आईडी दिखाने के बाद ही एंट्री दी जा रही है। पुलिस और प्रशासन के इस रवैए से लोग नाराज हैं। अपने ही गांव में हमसे अपराधियों जैसा सलूक हो रहा है। पुलिस ने पीड़िता के घर की घेराबंदी कर रखी है। हमारे परिवार को डराया धमकाया जा रहा है। उसने बताया कि उसकी भाभी मीडिया से मिलना चाहती है और कल डीएम ने उसके ताऊ की छाती पर लात मारी थी। वह बात कर रहा था कि इसी बीच पुलिसवालों की नजर उस पर पड़ गई और वह वहां से खेत के रास्ते डरते भागते हुए घर निकल गया।