एफएनएन, पटना: बिहार के पुलिस महानिदेशक पद से वायलेंटरी रिटायरमेंट लेकर राजनीति में कूदे पूर्व आईपीएस गुप्तेश्वर पांडेय को फिलहाल निराशा हाथ लगी है, या यूं कहें कि पांडेय न इधर के रहे, औऱ न उधर के… पांडेय को न तो बीजेपी से ही टिकट मिला और न ही उनका नाम जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवारों की सूची में ही नजर आया। पांडेय बक्सर से बीजेपी का टिकट चाहते थे। उन्होंने पिछले माह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन दिया था जिसको तुरंत ही स्वीकृति मिल गई।
बताया जाता है कि यह कदम उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने के लिए उठाया। केंद्र ने तुरंत ही उनके वीआरएस को स्वीकार कर लिया। इसके बाद उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की पूरी संभावनाएं जताई जा रही थीं। गुप्तेश्वर पांडेय ने सेवानिवृत्ति के दो दिन बाद ही घोषणा की थी कि अगर मौका मिला तो वे चुनाव लड़ेंगे क्योंकि वे राजनीति को लोगों की सेवा करने का सबसे बड़ा मंच मानते हैं। पांडेय ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि ”अपने अनेक शुभचिंतकों के फ़ोन से परेशान हूँ. मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूँ। मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूँगा लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश निराश होने की कोई बात नहीं है. धीरज रखें. मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूँगा। कृपया धीरज रखें और मुझे फ़ोन नहीं करे। बिहार की जनता को मेरा जीवन समर्पित है। अपनी जन्मभूमि बक्सर की धरती और वहाँ के सभी जाति मज़हब के सभी बड़े-छोटे भाई-बहनों माताओं और नौजवानों को मेरा पैर छू कर प्रणाम! अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें !”