एफएनएन, मुंबई : 30 साल तक भारतीय नौसेना में अपनी सेवाएं देने वाला भारत का ताकतवर युद्धपोत INS विराट अब अपनी अंखिरी यात्रा पर निकल चुका है। जिसके बाद अब ये शक्तिशाली INS विराट किसी को नजर नहीं आएगा। क्योंकि अब ये युद्धपोत शनिवार को अपनी मुंबई से गुजरात के अलंग स्थित जहाज तोड़ने वाले यार्ड के लिए रवाना हो चुका है। भारतीय नौसेना का यह ताकतवर युद्धपोत रविवार देर रात भावनगर पहुंचेगा। आपको बता दें कि INS विराट को साल 2017 में युद्धपोत से सेवानिवृत्त कर दिया गया था।
INS विराट के लोहे से होगा बाइक का निर्माण
सेना से 2017 में सेवानिवृत्त होने के बाद INS विराट को अलंग के श्रीराम ग्रुप ने नीलामी में 38.54 करोड़ रुपये में खरीदा था। जिसके बाद से ये शक्तिशाली जहाज मुंबई के नेवल डाकयार्ड में लंगर डाले हुए था। जो कि शनिवार को अपनी आखिरी यात्रा के लिए रवाना हो चुका है। विराट को खरीदने वाले श्रीराम ग्रुप के चेयरमैन मुकेश पटेल ने बताया कि युद्धपोत में उच्च गुणवत्ता का स्टील इस्तेमाल किया गया है। यह बुलेटप्रूफ मटेरियल भी है और इसमें लोहा बिल्कुल नहीं हैं। नौसेना के इस शक्तिशाली युद्धपोत के लोहे का उपयोग मोटरबाइक्स बनाने के लिए किया जा सकता है।
ब्रिटिश युद्धपोत है INS विराट
INS विराट मूलतः ब्रिटिश युद्धपोत है। इसे 1959 में रायल नेवी में शामिल किया गया था। जिसके बाद भारत ने इसे साल 1986 में खरीदा था। तबसे लेकर साल 2017 तक INS विराट ने भारतीय नौसेना को अपनी सेवाएं प्रदान कीं। बाद में मार्च 2017 में 30 साल तक सेवाएं देने के बाद इसे सेवानिवृत्त कर दिया गया था। यह इकलौता लड़ाकू विमान वाहक पोत है, जिसने ब्रिटेन और भारत की नौसेना में सेवाएं दी हैं। फाकलैंड युद्ध में ब्रिटिश नेवी की तरफ से इस पोत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।