
एफएनएन, हल्द्वानी : तराई के जंगलों से वन्य जीवों के निकलकर आबादी वाले इलाकों में पहुंचने के मामले लगातार सामने आते रहते हैं. केंद्रीय वन विभाग के जंगल से निकलकर वन्य जीव बारहसिंगा (सांभर) लालकुआं के रेलवे स्टेशन पहुंच गया. इससे यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया. देर रात तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर वन्य जीव बाहरसिंगा को पकड़ने में कामयाबी पाई.
लालकुआं रेलवे स्टेशन पहुंचा बारहसिंगा: जानकारी के मुताबिक सोमवार शाम को जंगल की ओर से तेज रफ्तार से दौड़ने वाला वन्यजीव सांभर गौला रोड बाजार से होता हुआ रेलवे स्टेशन में कई चक्कर काटकर जीआरपी चौकी के पास झाड़ियों में पहुंच गया. इससे जीआरपी पुलिस कर्मियों में हड़कंप मच गया. इस दौरान ड्यूटी में तैनात जीआरपी के जवानों ने गौला रेंज के वन कर्मियों को वन्यजीव आने की सूचना दी. इसके बाद मौके पर वन विभाग की रेस्क्यू टीम पहुंची. वन विभाग द्वारा बारहसिंगा को रेस्क्यू करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई. वन्यजीव को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम भी उमड़ा गया.
बारहसिंगे ने मचाया हड़कंप: वन क्षेत्राधिकारी तराई केंद्रीय वन प्रभाग रूप नारायण गौतम ने बताया कि- ढाई वर्षीय नर सांभर तीन दिन से बिंदुखत्ता और लालकुआं क्षेत्र में देखा जा रहा था. वनकर्मी लगातार उसकी निगरानी में लगे हुए थे. वहां से भटक कर वो लालकुआं रेलवे स्टेशन परिसर में पहुंच गया. इसके बाद से ही वन विभाग की टीम उसे पकड़ने के प्रयास में लगी हुई थी. जाल लगाने के बाद जब कामयाबी नहीं मिली तो इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी गई. उच्च अधिकारियों के निर्देश पर वन विभाग की एक्सपर्ट टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बारहसिंगा को ट्रेंकुलाइज किया है.–रूप नारायण गौतम, वन क्षेत्राधिकारी, तराई केंद्रीय वन प्रभाग-
बारहसिंगे के रेस्क्यू में लगे 5 घंटे: उन्होंने बताया कि बारहसिंगा जख्मी हालत में है. उसे टांडा रेंज कार्यालय ले जाकर पशु चिकित्सक द्वारा उसका उपचार किया जाएगा. इसके बाद उसे जंगल में छोड़ा जाएगा. देर रात तक चली रेस्क्यू की कार्रवाई में बारहसिंगा को देखने वालों की भारी भीड़ लग गई. भीड़ को हटाने के लिए जीआरपी पुलिस के पसीने छूट गए. 5 घंटे से अधिक समय तक जख्मी बारहसिंगा ने दो रेंज के वन कर्मियों और जीआरपी पुलिस को खूब छकाया. कई बार तो वनकर्मी उसकी चपेट में आने से बाल बाल बचे.
इन्होंने किया रेस्क्यू: रेस्क्यू अभियान में वन विभाग के पशु चिकित्साधिकारी डॉ राहुल सती, वन क्षेत्राधिकारी टांडा रूप नारायण गौतम, डिप्टी रेंजर वीरेंद्र परिहार, गौला रेंज के वन दारोगा सुखबीर कौर और दीपू आर्या शामिल थे.
आबादी में आ रहे वन्य जीव: गौरतलब है कि लालकुआं क्षेत्र जंगल से लगा आबादी वाला क्षेत्र है. यहां अक्सर वन्य जीव भोजन और पानी की तलाश में जंगल से निकल कर आबादी वाले इलाके में पहुंच जाते हैं. इसके चलते मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं. जंगल से निकलकर एक बार फिर से जंगली जानवर के आबादी वाले इलाकों में आने पर वन विभाग की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

