एफएनएन, देहरादून : दून के रेसकोर्स क्षेत्र में हथियारों के बल पर हुई लाखों की लूट में पुलिस ने चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से लूटा गया सामान और तीन रिवाल्वर बरामद हुए हैं। इन बदमाशों की तलाश दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पुलिस भी कर रही थी। वारदात में शामिल एक बदमाश अभी भी फरार है। बुधवार को एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने पत्रकारों से वार्ता में बताया कि 28 नवंबर 2022 को रेसकोर्स में रहने वाले गुरमिंदर सिंह सरना सुबह साढ़े चार बजे अपने घर के बाहर सैर को निकलने ही वाले थे कि तीन अज्ञात लोग ने उन्हें दबोचा और घर के भीतर ले गए। बदमाशों ने उन्हें बंधक बनाकर हथियार तान दिए और पिटाई की। उनके हाथ-पैर बांधकर बदमाश घर से करीब चार लाख रुपये नकद, छह घड़ियां, जिनकी कीमत करीब 12 लाख थी, एक रिवाल्वर और कार लूटकर फरार हो गए।
- आरोपितों की तलाश में पुलिस ने खंगाले 700 सीसीटीवी कैमरें
पुलिस ने बदमाशों की धरपकड़ को पांच टीमों का गठन किया। इन टीमों को उत्तराखंड के अन्य शहरों समेत हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब व चंडीगढ़ रवाना किया गया था। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास और प्रमुख मार्ग के करीब 700 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। साथ ही मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया। बीते मंगलवार की रात्रि पुलिस ने एक आरोपित अतुल राणा को उसके गांव हसनपुर, मेरठ से गिरफ्तार कर लिया। जिससे पूछताछ के बाद सुशील कुमार, अमृत व दीपक को भी बुधवार को आशारोड़ी, देहरादून से गिरफ्तार किया गया।
- पहले भी हैं लूट, अपहरण, और हत्या के कई मुकदमें दर्ज
एसएसपी ने बताया कि सुशील घटना का मास्टरमाइंड है। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे रेसकोर्स की लूट की तर्ज पर एक और घटना को अंजाम देने के लिए देहरादून आए थे। इससे पहले कि वे किसी घर को चिह्नित कर पाते, पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। इससे पहले वे उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी कई लूट की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। जिसमें उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता श्रवण चौधरी के घर से 21 लाख रुपये की लूट भी शामिल है। ये बदमाश पूर्व में ग्रेटर नोएडा में एक डाक्टर का अपहरण कर पांच करोड़ की फिरौती भी मांग चुके हैं। इसके अलावा मण्णपुरम गोल्ड लोन कंपनी के कार्यालय से करीब 15 किलो सोना लूट चुके हैं। आरोपितों के विरुद्ध विभिन्न राज्यों में लूट, अपहरण, मारपीट, हत्या के कई मुकदमे दर्ज हैं।
- दोबारा लूट करने आए, धरे गए
घटना के मास्टरमाइंड सुशील कुमार ने पूछताछ में बताया कि वह बीए पास है और वह गाजियाबाद में ट्रांसपोर्ट का काम करता था। डेढ साल पहले देहरादून के रेसकोर्स में अपने दोस्त जितेंद्र के पास आया था, जो गुरमिंदर सिंह के घर के पड़ोस में स्थित एक कार्यालय में काम करता था। जितेंद्र के साथ दीपक भी रहता था, जो सुशील के गांव का ही है। डेढ़ साल पहले एक दिन उन्होंने रात को शराब पी और गुरमिंदर सिंह के घर के बारे में बात की। उसे पता चला कि गुरमिंदर के पास बहुत पैसा है और वह अकेला रहता है। अतुल जो सुशील को मेरठ जेल में मिला था, उसके साथ मिलकर लूट की योजना बनाई। जिसमें उसने अपने एक दोस्त विशाल को भी शामिल किया। हालांकि, तब वे लूट की घटना को अंजाम नहीं दे सके। आरोपितों के पास से एक पिस्टल व चार कारतूस, दो तमंचे, 315 बोर, तीन कारतूस, एक लूटा गया रिवाल्वर, एक डेबिट कार्ड कर्नाटक बैंक का, तीन बैंक पासबुक और छह घड़ियां बरामद हुई हैं।
ये हैं आरोपित
- सुशील कुमार निवासी दादरी थाना दौराला, मेरठ
- अमृत उर्फ गुड्डू निवासी अलीपुर मोरना हस्तिनापुर, मेरठ
- दीपक कुमार महिपाल निवासी दादरी थाना दौराला, मेरठ
- अतुल राणा निवासी हसनपुर गजापुर थाना सरूरपुर, मेरठ
- विशाल निवासी रोहटा थाना रोहटा, मेरठ अभी फरार है
- फिल्मी स्टाइल में रजी लूट की साजिश
बीते 25 नवंबर सुशील ने अपने दोस्त दीपक को यह प्लान बताया। वे दीपक की कार से देहरादून आए और गुरमिंदर के घर के बाहर से रेकी कर मेरठ वापस चले गए। इसके बाद अतुल व विशाल को योजना में शामिल कर 27 नवंबर को घटना को अंजाम देने का प्रयास किया। शाम को करीब छह बजे वे मेरठ से चले। दीपक व अमृत को गाड़ी लेकर बुलाया। लेकिन, गाड़ी का टायर पंचर होने के कारण उन्हें रात के 10 बज गए। पांचों ने खतौली में खाना खाया और दीपक व अमृत को वापस भेज दिया। यहां से बाकी तीन रोडवेज की बस में अलग-अलग टिकट लेकर खतौली से देहरादून आइएसबीटी आए।
रात दो बजे के करीब वे दून पहुंचे और एक आटो बुक कर रेसकोर्स में उतर गए। गुरमिंदर के घर पहुंचकर सुशील दीवार फांदकर अंदर घुस गया और खिड़की से पूरे घर को देखा। इसके बाद वे घर के पीछे खाली जगह में आड़ लेकर कंबल ओढ़कर बैठ गए। उन्हें उम्मीद थी कि गुरमिंदर सिंह सुबह सात बजे तक घर से बाहर आएगा, लेकिन करीब साढ़े तीन बजे उन्हें बाथरूम में पानी की आवाज सुनाई दी। इसके बाद सुबह चार बजे उन्हें घर के गेट का ताला खुलने की आवाज सुनाई दी। गुरमिंदर घर के बाहर आकर दोबारा ताला लगा रहे थे कि तीनों ने उन्हें दबोच लिया।