एफएनएन, नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई इसमें कई बड़े फैसले लिए गए, बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा बिल लाने को भी दी गई मंजूरी दी गई है, साथ ही कर्मयोगी योजना को भी सरकार ने दी मंजूरी दे दी है। संसद से मंजूरी मिलने के बाद कश्मीरी, डोगरी, उर्दू, हिंदी और इंग्लिश जम्मू कश्मीर में आधिकारिक भाषा होगी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक, 2020 को मंजूरी दी है। कैबिनेट द्वारा अनुमोदित नए विधेयक के तहत उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिंदी और अंग्रेजी जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाएं होंगी। यह फैसला लोगों की मांग के आधार पर लिया गया है।
कैबिनेटक बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि कर्मयोगी योजना के तहत सिविल सर्विस के लोगों के लिए नई तकनीक और उनकी क्षमता पर ध्यान देने की कोशिश की जाएगी। जिसके लिए व्यक्तिगत स्तर से लेकर संस्थागत स्तर तक विकास करने पर जोर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में डोगरी, हिंदी और कश्मीरी को आधिकारिक भाषाओं के रूप में शामिल करना न केवल लंबे समय से लंबित मांग की पूर्ति है, बल्कि 5 अगस्त, 2019 के बाद समानता की भावना को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसला है।