Saturday, September 6, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तराखंडफर्जी कस्टम अधिकारी और झूठा बैंक अफसर बनकर की 50 लाख की...

फर्जी कस्टम अधिकारी और झूठा बैंक अफसर बनकर की 50 लाख की ठगी, हिमाचल से किया गिरफ्तार

एफएनएन, देहरादून: फर्जी डॉक्टर और कस्टम अफसर बनकर 50 लाख की ठगी करने वाले साइबर ठग को एसटीएफ की टीम ने हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया है. पीड़ित को झांसे में लेने के लिए फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल और अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप नंबर का इस्तेमाल किया गया. पीड़ित को फर्जी जाली कस्टम अधिकारी और झूठा बैंक अफसर बनकर अलग-अलग बहानों से करीब 50 लाख 01 हजार 218 रुपए की ठगी की गई. साथ ही आरोपियों ने पीड़ित को नकली दस्तावेज पासपोर्ट, फ्लाइट टिकट, बैंक मैसेज, QR कोड दिखाकर विश्वास में लिया और बार-बार धनराशि जमा कराने के लिए दबाव बनाया. आरोपी के बैंक खातों के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं.

बता दें कि देहरादून निवासी एक व्यक्ति ने दिसम्बर 2024 को साइबर थाना देहरादून में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि फेसबुक पर डॉक्टर के नाम की फर्जी प्रोफाइल से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी गई. उसके बाद व्हाट्सएप चैट, कॉल और SMS संदेशों के माध्यम से लगातार संपर्क किया गया. एक अज्ञात महिला ने भारत आने का झूठा बहाना बनाया और फिर जाली कस्टम अधिकारी सरवन खान और झूठा बैंक अफसर डेविड जॉनसन ने अलग-अलग कारणों से कस्टम क्लीयरेंस, बैगेज चार्ज, घरेलू उड़ान टिकट, आरबीआई नियम और विदेशी मुद्रा शुल्क का हवाला देकर पीड़ित से बड़ी धनराशि की मांग की.

पीड़ित को व्हाट्सएप पर क्यूआर कोड, फर्जी फ्लाइट टिकट, नकली पासपोर्ट और बैंक संदेश भेजे गए और भावनात्मक दबाव बनाकर लगातार पैसे ट्रांसफर करवाए गए. नवम्बर से दिसम्बर 2024 के बीच पीड़ित ने अलग-अलग बैंक खातों में कुल करीब पचास लाख एक हजार दो सौ अठारह रुपए जमा किए. बाद में जब पीड़ित ने संदेह होने पर धनराशि वापस लेने का प्रयास किया, तो अंतरराष्ट्रीय नियमों और टैक्स का बहाना बनाकर रकम लौटाने से इंकार कर दिया गया.

इसी क्रम में आरोपी हिमांशु शिवहरे को हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया. एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया है कि इस मामले में इससे पहले एक आरोपी की गिरफ्तारी की जा चुकी है. जांच से पता चला कि यह गिरोह संगठित रूप से कार्य कर रहा था. जिसमें अलग-अलग आरोपी अलग-अलग भूमिकाएं निभाते थे. गिरफ्तार किया गया आरोपी हिमांशु शिवहरे भी इसी नेटवर्क का सक्रिय सदस्य है, जो फर्जी प्रोफाइल और अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों का प्रयोग कर करोड़ों रुपये की साइबर ठगी को अंजाम देता था.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments