एफएनएन, नई दिल्ली: इन दिनों कोरोना संक्रमण अपने पांव लगतार पसार रहा है। यादि आप कोरोना की जांच बार-बार करवा रहे हेै तो जरा संभल जाइए दरअसल, आप नुरोसिस के शिकार हो रहे हैैं। यह एक मानसिक बीमारी है, जिसमें मरीज पहले तनाव में आता है फिर अवसाद चला जाता है। कई बार तो अवसाद इतना बढ़ जाता है कि आत्महत्या के विचार आने लगते हैं।
हिसार की ख्यातिलब्ध मनोचिकित्सक डाॅ. अदिति पोपली बताती हैं कि कोरोना के कारण नुरोसिस और साइकोसिस के मरीज प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। हिसार जैसे शहर में रोजाना 25 से 30 मरीज इसी रोग के आ रहे हैं। इस समस्या से परेशान मरीजों में 20 से 60 वर्ष तक के लोग शामिल हैं। महिलाओं की संख्या अधिक है। होम क्वांटाइन वाले मरीजों के परिवार के लोगों में इस तरह के केस ज्यादा मिल रहे हैं।
इस रोग से बचाव के लिए स्वयं को व्यस्त रखने की कोशिश करनी चाहिए। सुबह-शाम योग व प्राणायाम करना चाहिए। जिसमें आपकी अभिरुचि है, उसे करें और खुद को व्यस्त रखें, मस्त रहें।
सपने में सुनाई देती है वेंटिलेटर की बीप
कोरोना से स्वस्थ होने के बाद भी मरीजों का डर खत्म नहीं हो रहा। कई तो ऐसे हैं जिनकी रात की नींद ही गायब हो गई है। सपने में भी अस्पताल का गहन चिकित्सा कक्ष (आइसीयू) दिखाई देता है। वेंटिलेटर की बीप सुनाई देती है। ज्यादा खौफ उन मरीजों में है जो आक्सीजन सपोर्ट पर या फिर वेंटिलेटर पर रहे हैं। ठीक होने के बाद उन्हें डर सता रह है कि दोबारा कोरोना न हो जाए।