एफएनएन, देहरादून: उत्तराखंड राज्य में विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते आपदा जैसे हालात बनते रहते हैं. खासकर मानसून सीजन के दौरान प्रदेश की स्थिति काफी दयनीय हो जाती है. आपदा की वजह से सबसे अधिक महिलाएं और बच्चे प्रभावित होते हैं. जिसको देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग प्रदेश की महिलाओं को आपदा प्रबंधन की जानकारी देने पर जोर दे रहा है. इसके तहत प्रदेश की 1557 महिलाओं को आपदा सखी बनाया जाएगा. जो प्रदेश की करीब 5 लाख महिलाओं और स्कूली बच्चों को आपदा प्रबंधन से संबंधित जानकारी देंगी.
उत्तराखंड में ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 65 हज़ार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह हैं. ऐसे में ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से प्रदेश भर से 1557 महिलाओं को चिन्हित किया गया है, जिनको आपदा सखी बनाया जाएगा. इसके लिए इन सभी महिलाओं को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाएगी. उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की ओर से चयनित 1557 महिलाओं को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग दिए जाने को लेकर प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार कर रहा है. ऐसे में प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार होने के बाद इन सभी चयनित महिलाओं को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग देकर आपदा सखी बनाया जाएगा.
उत्तराखंड में करीब 65 हजार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह हैं. जिससे करीब पांच लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं. ऐसे में निर्णय लिए गया है कि अगर महिलाओं को ट्रेनिंग दिया जाता है तो धीरे धीरे सभी महिलाओं को आपदा प्रबंधन के गुर सिखाए जा सकेंगे. इसका एक सबसे बड़ा फायदा यही होगा कि अगर परिवार को आपदा प्रबंधन की जानकारी होगी तो वो अपने परिवार को आपदा से बचा सकेंगे. 65 हजार महिला स्वयं सहायता समूह में से 1557 महिलाओं को आपदा सखी (मास्टर ट्रेनर) बनाया जाएगा.
विनोद कुमार सुमन, सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद आपदा सखी, मास्टर ट्रेनर के रूप में 65 हज़ार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी करीब पांच लाख महिलाओं को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग देंगी. साथ ही स्कूलों में जाकर बच्चों को भी आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग देंगी. दरअसल, उत्तराखंड राज्य में भारी बारिश, भूस्खलन, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग राहत बचाव कार्यों में जन सहभागिता को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है जिसके चलते ही आपदा प्रबंधन विभाग आपदा सखी बनाने का निर्णय लिया है. ऐसे में जल्द ही चयनित 1557 महिलाओं को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग देकर उन्हें आपदा सखी बनाया जाएगा.
आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से आपदा सखी बनाए जाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि ग्राम स्तर पर आपदा से पहले, आपदा के दौरान और आपदा के बाद तत्काल सूचनाओं का आदान- प्रदान किया जा सके. प्रदेश की महिलाओं के साथ ही स्कूलों में बच्चों को आपदा प्रबंधन के गुर को आसानी से सिखाया जा सके. रिस्क असेसमेंट के साथ ही ये आपदा सखी राहत एवं बचाव कार्यों में सहयोग कर सके. इसके अलावा प्रशासन और जनता के बीच समन्वय बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.