एफएनएन, टिहरी: प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में जिला योजना समिति की बैठक आयोजित की गई. मीटिंग में जिला सेक्टर योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 के लिए 95 करोड़ 22 लाख 90 हजार का परिव्यय पास किया गया. इसमें जल संस्थान को 1494.65 लाख, कृषि विभाग को 600 लाख, उद्यान विभाग को 497.50 लाख, पशुपालन विभाग को 500 लाख, पंचायती राज विभाग को 550 लाख, राजकीय सिंचाई विभाग को 500 लाख, लघु सिंचाई विभाग को 382 लाख, लोक निर्माण विभाग को 1300 लाख, पर्यटन विभाग को 375 लाख, प्राथमिक शिक्षा विभाग को 781 लाख, माध्यमिक शिक्षा विभाग को 410 लाख और अन्य विभागों को विकास योजनाओं के लिए धनराशि पास की गई है.
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि जिला योजना समिति की बैठक में विभागीय योजनाओं के विकास हेतु परिव्यय को स्वीकृत किया जा रहा है. सभी संबंधित अधिकारी योजनाओं के प्रस्ताव को जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय कर संशोधित कर लें. उन्होंने कहा कि जिन विभागों द्वारा पिछले साल अच्छा काम किया गया है, उनका परिव्यय बढ़ाया गया है, जबकि धीमी प्रगति वाले विभागों का परिव्यय कम किया गया है. इस मौके पर कैबिनेट मंत्री ने पेयजल विभाग को निर्देश दिये कि पीटीसी कर्मिकों को समय से वेतन का भुगतान करना सुनिश्चित करें, ताकि कार्य सुचारू रूप से हो सके. साथ ही उद्यान अधिकारी को निर्देश दिए कि एक बार योजना से लाभान्वित हुए व्यक्ति को पुनः लाभ न देकर किसी अन्य पात्र व्यक्ति को भी लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें.
मानसून सीजन को देखते हुए कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संभावित आपदा के दृष्टिगत जेसीबी और एंबुलेंस क्रियाशील स्थिति में हो, अधिकारी अपना मोबाइल स्विच ऑफ न करते हुए 24 घंटे अपने मोबाइल को ऑन/एक्टिवेट स्थिति में रखें. सभी अधिकारी आपस में समन्वय बनाकर रखें और अलर्ट मोड में रहें. बैठक में विधायकों और समिति के सदस्यों द्वारा हैंडपंपों को बढ़ाने, पेयजल योजनाओं का चिन्हीकरण कर मरम्मत कार्य करने, ग्राम पंचायतों को हैंडओवर की गई हंस फाउंडेशन की योजनाओं हेतु अलग से बजट का प्रावधान करने, योजनाओं के लाभार्थियों के चयन में पारदर्शिता, कार्यों की गुणवत्ता, पेयजल, स्वास्थ्य, जल संरक्षण पर फोक्स करने का सुझाव दिया गया.
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जनपद की जिला सेक्टर योजना का परिव्यय अनुमोदन के लिए पेश किया और कहा कि वर्ष 2024-25 की जिला योजना में पुराने चालू कार्यों को पूर्ण करने, रोजगार का बढ़ावा देने, कृषि फेंसिंग घेरबाड़ सुरक्षा कार्य, फल पट्टी विकास, पर्यटन स्थल विकास, पशु सेवा केन्द्र नवनिर्माण मरम्मत, गूल मरम्मत क्षेत्रफल सिंचन, हैंड पंपों की स्थापना, सड़क पुलिया निर्माण, स्वास्थ्य उपकेन्द्र निर्माण मरम्मत, आंगनबाड़ी व स्कूलों के पुर्ननिर्माण समेत अन्य कार्यों को जनसंख्या और क्षेत्रफल के अनुसार प्रस्तावित किया गया है.