एफएनएन, रुद्रपुर : उत्तराखंड में छात्र संघ चुनाव रद्द होना बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। सरकार सवालों के कटघरे में है और छात्र लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच उच्च शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय के बीच आरोप- प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा है। जहां उच्च शिक्षा विभाग, विश्वविद्यालय को समय पर चुनाव न करने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहरा रहा है, वहीं विश्वविद्यालय ने लापरवाही से साफ इनकार कर दिया है। जिन चार विश्वविद्यालय के कुलसचिवों को नोटिस भेजे गए थे, उन्होंने भी शासन को भेजे गए जवाब में अपने स्तर से चूक होने से इनकार किया है।
उत्तराखंड में 30 सितंबर तक छात्र संघ चुनाव कराए जाने थे। बावजूद चुनाव समय पर नहीं हुए। इसको लेकर छात्रों में लगातार उबाल देखने को मिल रहा है। अल्मोड़ा समेत विभिन्न जिलों में छात्रों का उग्र प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। इन प्रदर्शनों के बीच उच्च शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय एक- दूसरे पर आरोप लगाते नजर आ रहे हैं। लापरवाही के लिए चार विश्वविद्यालय कुमाऊं विश्वविद्यालय, सोवरन सिंह जीना विश्वविद्यालय, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय और दून विश्वविद्यालय के जिन कुलसचिवों को सरकार ने नोटिस भेजे थे, उन्होंने अपने जवाब में कहा है कि शैक्षणिक कैलेंडर में 13 तारीख के बाद भी विश्वविद्यालय परिसर और कॉलेजो में एडमिशन की प्रक्रिया चलती रही, इस वजह से चुनाव नहीं कराए जा सके। यही नहीं, पिछले साल भी सरकार की पहल पर ही पूरे राज्य में एक दिन चुनाव कराने की तारीख तय हुई थी वहीं शासन स्तर पर भी कोई दिशा निर्देश न मिलने की वजह से चुनाव समय पर नहीं हो पाए। इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च शिक्षा सचिव को नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं । वहीं उच्च निदेशक शिक्षा ने भी इस मामले में विश्वविद्यालयो को दोषी माना है। आपने जवाब में उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा है कि चुनाव विश्वविद्यालय स्तर पर होने थे, निदेशालय का काम केवल विश्वविद्यालय से जारी कार्यक्रम से कॉलेजों को अवगत कराना और प्रक्रिया को पूरा करने तक सीमित था। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव तिथि निदेशालय स्तर से तय नहीं की जाती।
इस पूरे प्रकरण से सरकार भी सवालों के कटघरे में खड़ी है। उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि राज्य सरकार पिछले 6 साल से एक ही दिन छात्र संघ चुनाव का आयोजन करती आ रही है। इस वर्ष समय पर चुनाव न करा पाने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर बरती गई लापरवाही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा चाहती है कि छात्र संघ चुनाव हों और सरकार छात्रों के साथ खड़ी है।