Thursday, November 21, 2024
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डेलापीर मंडी अग्निकांड: आढ़तियों की शिकायतों की अनदेखी पड़ी भारी, अब भुगतेंगे उप निदेशक (निर्माण)

एफएनएन ब्यूरो, बरेली। डेलापीर मंडी से जुड़े निर्माण कार्यों में लापरवाही बरतना उपनिदेशक (निर्माण) शिवचरन लाल को भारी पड़ गया। ओवरहेड टैंक का मोटर डेढ़ साल से खराब था। बार-बार शिकायत के बाद भी उसकी मरम्मत नहीं कराई गई। आग लगी तो अग्निशमन दल को परिसर में पानी नहीं मिल सका। इस वजह से टीम को पानी लेने बार-बार परिसर से बाहर जाना पड़ा और आग को भड़कने का समय मिल गया।

आढ़तियों का कहना है कि बार-बार शिकायतों के बाद भी उनकी समस्याओं का निस्तारण नहीं कराया गया। अब इन नियमितताओं की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।परिसर में ओवरहेड टैंक से लेकर कई अन्य निर्माण डेढ़ से दो साल में ही खस्ताहाल हो गए। आढ़तियों ने बताया कि मंडी की बिल्डिंग भी पहले से क्षतिग्रस्त थी। उसकी भी मरम्मत नहीं कराई गई। इतनी बड़ी घटना के बाद निर्माण विभाग के अधिकारियों ने दोबारा निर्माण कराने के बजाय मरम्मत कराने की बात कही। मंडी के हर निर्माण में लापरवाही बरती गई है। इस मामले की जांच के लिए टीम भी गठित की गई है। टीम निर्माण कार्यों का ब्योरा तैयार करेगी। साथ ही, कितनी शिकायतें आईं और उनके निस्तारण की स्थिति भी देखी जाएगी।

मंडी की हुई सफाई, लगा स्थल छोड़ने का बैनर
डेलापीर मंडी की साफ-सफाई करा दी गई है। शनिवार को जले हुए माल और मलबे को बुलडोजर से हटाया गया। इसके बाद मंडी परिषद की ओर क्षतिग्रस्त बिल्डिंग पर बैनर लगा दिया है। इस पर लिखा हुआ है कि यह स्थल कार्य करने के योग्य नहीं है। इस कारण आढ़ती इस बिल्डिंग से बाहर रहें।

विभागीय जांच के भी आदेश
उपनिदेशक के निलंबन आदेश में आरोपों की बौछार की गई है। विभागीय जांच व कार्रवाई के भी आदेश दिए गए हैं। उप्र राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने आग लगने की संवेदनशील घटना के बाद भी पूर्व सूचना के बिना अनुपस्थित रहने, बरेली जैसे महत्वपूर्ण स्थल पर विकास कार्यों एवं पदीय दायित्वों के प्रति घोर उपेक्षा बरतने, ठेकेदारों को समय से भुगतान न करने, जलालाबाद के अंतर्गत हाटपैठ बिरिया खुर्द में एक ही फर्म द्वारा तीन फर्माें की निविदा शुल्क एवं धरोहर धनराशि जमा करने, वर्ष 2022-23 और 2023-24 में सड़कों के निर्माण व पुनर्निर्माण की प्रगति संतोषजनक नहीं होने, निर्माण कार्यों के गलत प्रस्ताव पेश करने, मंडी परिसर के जरूरी कार्यों की समय पर स्वीकृति न लेने, शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में विभागीय जांच की संंस्तुति की है।

आढ़तियों ने दिया नुकसान का ब्योरा, मुआवजे की गुहार
आढ़तियों ने नुकसान का प्रारंभिक आकलन कर मंडी परिषद के सचिव को बता दिया है। दो दिन में इसकी रिपोर्ट शासन को भेजनी है। पांच सदस्यीय टीम का गठन भी किया गया है, जो माल के नुकसान के साथ बही-खातों की भी जांच करेगी। वहीं, आढ़तियों ने जल्द मुआवजा दिलाने की मांग भी की है।
डेलापीर मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष आफताब व उपाध्यक्ष आरिफ कुरैशी के मुताबिक आढ़तियों ने अपने-अपने लेटरहेड पर नुकसान की जानकारी दी है, जिसे मंडी परिषद के सचिव संतोष यादव को सौंप दिया गया है। किसी ने 12, 15 तो किसी ने 10 लाख रुपये का नुकसान बताया है। बही-खाते में दर्ज रकम का भी आकलन दिया गया है। अब अधिकारियों की पांच सदस्यीय टीम मौके पर जाकर आढ़तियों को हुए नुकसान की पड़ताल करेगी। दो दिन में मुआवजे के लिए रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी जाएगी।

आढ़तियों के हितों का भी ध्यान रखेंगे : सचिव
मंडी परिषद के सचिव संतोष यादव ने बताया कि आढ़तियों की ओर से जानकारी दे दी गई है। अब जांच टीम अपनी रिपोर्ट बनाएगी। सरकारी नियमों के मुताबिक आढ़तियों के लिए जो भी बेहतर होगा, वह किया जाएगा। मंडी परिषद के निदेशक ने साफ निर्देश दिए हैं कि किसी भी काम में लापरवाही और देरी न हो। अब एक से दो दिन में मुआवजे के लिए रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।

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