- भाजपा की मीटिंगों में न्योता नहीं, कार्यक्रमों से दिखाई दे रही है दूरी
- भाजपा में राजनीतिक भविष्य को लेकर भी उठे सवाल
एफएनएन, रुद्रपुर : वही हुआ जिसका अनुमान लगाया जा रहा था। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव निपटते ही भाजपा में ढोल-नगाड़ों के साथ शामिल हुए कांग्रेसियों को ‘ ठिकाने ‘ लगा दिया गया। कांग्रेस से दगा करके भाजपा को अपनाने वाले इन नेताओं को न तो अब भाजपा के कार्यक्रमों में ही बुलाया जा रहा और न ही भाजपा के बड़े नेता उन्हें भाव दे रहे हैं। ऐसे में इन नए नवेले भाजपाइयों के राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के साथ ही प्रदेश भर में कांग्रेसियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी में आस्था जताते हुए भाजपा का दामन थामा था। इनमें कुछ पूर्व विधायकों के अलावा कांग्रेस के प्रदेश और जिला संगठन में बड़े पदों पर काबिज नेता भी शामिल थे। ढोल नगाड़ो और गाजे बाजे के साथ इन्होंने अपने समर्थकों के साथ भाजपा ज्वाइन की थी। उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा में तवज्जो मिलेगी, लेकिन आशंकाएं सही साबित हुई।
भाजपा के सांचे में शामिल हुए ये कांग्रेसी फिट नहीं बैठ सके। बड़ा कारण यह भी था कि पार्टी अपने पुराने कार्यकर्ताओं को दरकिनार नहीं कर सकती थी। ऐसे में पदों के लालच में भाजपा का दामन थामने वाले इन तथाकथित भाजपाइयों की उम्मीद परवान न चढ़ सकी। कुछ कांग्रेसी तो नगर निकाय चुनाव में मेयर, पार्षद और सभासद बनने की लालसा में कमल का फूल थामे थे लेकिन जॉइनिंग के साथ ही उनकी हसरत चकनाचूर हो गई। अब जबकि नगर निकाय चुनाव निकट है तो न तो भाजपा संगठन ही ऐसे नेताओं को तवज्जो दे रहा है और न ही बड़े नेता।
निकाय चुनाव को लेकर होने वाली बैठकों तक में इन पूर्व कांग्रेसियों को आमंत्रित नहीं किया जा रहा। हालत यह है कि जॉइनिंग के साथ ही अब इन कांग्रेसियों को भाजपा में घुटन सी महसूस होने लगी है और जगह-जगह वह अपनी अनदेखी को बयां भी कर रहे हैं। उन्हें महसूस होने लगा है कि इससे अच्छा तो कांग्रेस में ही थे कम से कम पूछ तो हो रही थी।