एफएनएन,चम्पावत : चम्पावत उपचुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को कड़ी टक्कर देने के लिए कांग्रेस अंतिम हफ्ते में ताकत झोंकने जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पार्टी प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी के पक्ष में प्रचार करेंगे। पार्टी ने पूरे चुनाव क्षेत्र को छोटे-छोटे क्षेत्रों में बांटकर प्रदेश पदाधिकारियों और स्थानीय नेताओं को चुनाव प्रचार का जिम्मा सौंपा है।
पांचवीं विधानसभा चुनाव के बाद हो रहे इस पहले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस सतर्क है। इस चुनाव में पार्टी को सीटों के मामले में भले ही 19 के आंकड़े तक सिमटना पड़ा, लेकिन मत प्रतिशत ने पार्टी का उत्साह बढ़ाया है। चम्पावत उपचुनाव में पार्टी अपने इस प्रदर्शन को दोहराना चाहती है। दरअसल मत प्रतिशत बढऩे से पार्टी को भविष्य के लिए नई उम्मीदें बंधी हैं। उपचुनाव के परिणाम चाहे कुछ भी हों, लेकिन कांग्रेस के पक्ष में मत प्रतिशत जितना बढ़ेगा, सत्तारूढ़ दल और सरकार के लिए उसे खतरे की घंटी माना जाएगा।
वैसे भी उपचुनाव प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के लिए परीक्षा से कम नहीं है। माहरा भाजपा की पिछली सरकार में उपनेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। वहीं आर्य प्रदेश कांग्रेस के मुखिया की जिम्मेदारी लंबे समय तक संभाल चुके हैं। पार्टी नेतृत्व ने जिस तरह उन पर भरोसा जताया है, उसका कारण उनके अनुभव को ही माना जाता है। गढ़वाल दौरे और उदयपुर चिंतन शिविर से लौटने के बाद नेताद्वय ने अब उपचुनाव पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। चुनाव प्रचार को लेकर पार्टी ने रणनीति बदली है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उपचुनाव क्षेत्र को सात सेक्टर में बांटा है। इन सेक्टर की जिम्मेदारी ऐसे प्रांतीय पदाधिकारियों और क्षेत्रीय नेताओं को सौंपी गई है, जो पार्टी के प्रति निष्ठावान माने जाते हैं। पार्टी ने उपचुनाव में इन्हें सक्रिय कर पूरे क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश भी की है। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कार्यकर्ताओं के मनोबल पर भी असर पड़ा है। यह असर उपचुनाव पर न दिखाई दे, इसे ध्यान में रखकर चुनाव प्रचार की रणनीति तय की गई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी 23 मई से चुनाव प्रचार में जुटेंगे।