एफएनएन, गुजरात : पूरा विश्व इन दिनों कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ रह है। इस बीच कांगो बुखार फैलने की आशंका को लेकर जारी किए गए अलर्ट ने लोगों को डरा दिया है। गुजरात के कुछ इलाकों में कांगो फीवर के मामले सामने आए हैं। इसका हवाला देते हुए महाराष्ट्र के पालघर में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। पशुपालन विभाग के डिप्टी कमिश्नर डाॅ. प्रशांत कांबले ने कहा है कि गुजरात के कुछ इलाकों में यह बुखार पाया गया है। इसके महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों में फैलने की आशंका है। पालघर गुजरात के वलसाड जिले से लगा हुआ है। कांगो बुखार का पूरा नाम राइमियन कांगो हेमोरेजिक फीवर (सीसीएफएफ) है। इंसानों के लिए घातक राइमियन कांगो हैमरेज फीवर जानवरों से इंसानों में फैलता है।
क्या है कांगो फीवर
- यह वायरल बीमारी खास तरह के कीट (किलनी) के जरिए एक जानवर से दूसरे जानवर में फैलती है।
- संक्रमित जानवरों के खून के संपर्क में आने या ऐसे जानवरों का मांस खाने पर इंसानों में यह बीमारी फैलती है।
- सही समय पर बीमारी का पता लगाकर इलाज नहीं किया गया तो 30 प्रतिशत मरीजों की मौत हो जाती है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इसके लक्षण दिखने में 6 से 13 दिन का समय लगता है।
कोई वैक्सीन मौजूद नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इस बीमारी में मृत्यु दर 10 से 40 फीसदी तक है और इसकी कोई भी वैक्सीन जानवरों या इंसानों के लिए अभी मौजूद नहीं है। अगर समय रहते इसका पता नहीं लगाया गया और इलाज की व्यवस्था नहीं हुई तो करीब एक तिहाई रोगियों की मौत हो सकती है।
ये लक्षण दिखने पर हो जाएं अलर्ट
- संक्रमित होने वाले मरीजों में बुखार के साथ मांसपेशियों में दर्द होना, सिरदर्द और चक्कर आना जैसे लक्षण दिखते हैं।
- कुछ मरीजों को सूर्य की रोशनी से दिक्कत होती है, आंखों में सूजन रहती है।
- संक्रमण के 2 से 4 दिन बाद नींद न आना, डिप्रेशन और पेट में दर्द के लक्षण भी सामने आते हैं।
- मुंह, गर्दन और स्किन पर चकत्ते आने के साथ हार्ट रेट भी बढ़ सकता है।