एफएनएन, पिथौरागढ़ : उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ की धारचूला तहसील और नेपाल के गांव में एक साथ बादल फटने से रविवार रात भारी तबाही मची है। धारचूला तहसील से 12 किमी दूर कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग से लगे जुम्मा गांव का संपर्क शेष जगत से कट गया है। सर्वाधिक तबाही इसी गांव में मची है। गांव के नौ लोग लापता बताए जा रहे हैं। रेस्क्यू अभियान में अब तक तीन बच्चों समेत चार शव बरामद कर लिए गए हैं। गांव में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व दल मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान चला रहा है। हाइवे सहित सभी पैदल मार्ग बंद होने से गांव तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।
वहीं नेपाल के सिरबगड़ में बादल फटने से आए मलबे से काली नदी का प्रवाह रोक दिया। जिसके चलते धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना के प्रशासनिक कार्यालय और कॉलोनी तक काली नदी का पानी जमा हो गया। कॉलोनी में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने दहशत के साए में तीन मंजिला भवन की छत पर रात गुजारी। धारचूला में अंतरराष्ट्रीय झूला पुल तक पानी पहुंच गया। रात को एसडीएम और पुलिस ने नदी किनारे स्थित मकानों में रहने वाले लोगों को सजग किया। जुम्मा के खातपोली में दो महिलाएं औऱ जामुनी तोक में 6 से 7 लोग तक लापता बताए जा रहे हैं।
धौलीगंगा परियोजना के दफ्तर और कालोनी में घुसा पानी
नेपाल के सिरबगड में बादल फटने से आए मलबे से काली नदी का प्रवाह रोक दिया। जिसके चलते 280 मेगावाट की धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना के प्रशासनिक कार्यालय और कालोनी तक काली नदी का पानी जमा हो गया। कॉलोनी में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने दहशत के साए में तीन मंजिला भवन की छत पर रात गुजारी। इस दौरान नदी का पानी बहने लगा। धारचूला में अंतरराष्ट्रीय झूला पुल तक पानी पहुंच गया। रात को एसडीएम और पुलिस ने नदी किनारे स्थित मकानों में रहने वाले लोगों को सजग किया। जुम्मा के खातपोली में दो महिलाएं औऱ जामुनी तोक में 6 से 7 लोग तक लापता बताए जा रहे हैं।
काली नदी समेत तीन नदियों ने लिया रौद्र रूप
सीमांत में बादल फटने से काली नदी, कूलागाड़ और एलागाड़ ने रौद्र रूप ले लिया है। जुम्मा गांव के चामी तोक में कई मकान ध्वस्त हो गए हैं। जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बादल फटने से आई आपदा से खोज एवं बचाव कार्य के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश देकर अधिकारियों को क्षेत्र में भेज दिया है। उधर मुनस्यारी के मालूपाती गांव में फिर भूस्खलन हुआ है। दो परिवार शिफ्ट कर दिए हैं। आठ परिवार खतरे में आ गए हैं। बंगापानी तहसील के खरतोली गाव में भूस्खलन से छह परिवार खतरे में हैं। जौलजीबी मुनस्यारी मार्ग और टनकपुर तवाघाट मार्ग सहित सीमांत के सभी मार्ग बंद है।
तीन परिवारों को सुरक्षति स्थान पर रेस्क्यू किया
मुनस्यारी तहसील में चार दिन की बारिश के बाद मौसम शांत हुआ। शनिवार की रात को भी सीमांत में भारी बारिश हुई। मुनस्यारी के मगर गांव में खतरे में आए तीन परिवारों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। आपदा से खतरे में आए छह गांवों की भूगर्भीय जांच होगी। काली, गोरी, धौली, रामगंगा, सेरा, मंदाकिनी सहित सभी नदी नालों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। काली नदी धारचूला में अभी भी चेतावनी लेवल के करीब बह रही है।
चार तहसीलों में बारिश से आफत
बीते दिनों की बारिश से जिले की चार तहसीलों में जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। शनिवार की रात को मुनस्यारी में 46 एमएम, डीडीहाट में 28 एमएम, धारचूला में 27 और बेरीनाग में 13 एमएम बारिश हुई। गंगोलीहाट में पांच एमएम और पिथौरागढ़ तहसील सूखी रही।