एफएनएन ब्यूरो,बरेली। बुधवार को बरेली में बदायूं रोड पर रामगंगा नदी के बैराज में तीन महिलाओं और एक बच्चे की लाशें फंसी हुई देखी गईं। सूचना पर प्रशासन फौरन हरकत में आ गया। प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में भमोरा थाना पुलिस और एनडीआरएफ की टीम के एक्सपर्ट गोताखोरों ने नदी की तेज धार के बीच से चारों शव निकाल लिए। पंचायतनामा भरवाने के बाद चारों शवों को पोस्टनार्टम को भिजवा दिया है। मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है।
भमोरा थाना क्षेत्र में रामगंगा बैराज में फंसे चारों शवों को बुधवार को पुलिस ने एनडीआरएफ टीम की मदद से निकाला। पुलिस को आशंका है कि ये शव बाढ़ में बहकर आए और यहां फंस गए थे। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
एनडीआरएफ की टीम ने निकाले शव
बरेली में रामगंगा के निर्माणाधीन बैराज में फंसे चार शवों को एनडीआरएफ टीम ने पुलिस व गोताखोरों की मदद से निकलवाया। शव पुराने व नग्न हालत में हैं, जो नदी किनारे पर दफनाए बताए जा रहे हैं।
सोमवार शाम भी रामगंगा बैराज में शवों के फंसे होने की सूचना पर भमोरा थाना पुलिस के साथ गोताखोरों ने हरसंभव प्रयास किया था लेकिन सफलता नहीं मिली थी। मंगलवार को पुलिस के साथ पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने बैराज के शटल को ऊपर उठाकर एक बच्चे समेत तीन महिलाओं के शव बरामद किए गए।
इन सभी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। एसडीएम व सीओ आंवला के साथ ही भमोरा थाना प्रभारी प्रदीप कुमार चतुर्वेदी, नायब तहसीलदार आंवला व सरदार नगर चौकी प्रभारी विकास यादव मौजूद रहे।
दो साल के बच्चे का भी मिला शव
तीन महिलाएं जिनकी उम्र 55, 40, 25 के शव बैराज से निकाले गए हैं। साथ ही दो वर्षीय बच्चे का शव भी फंसा था। पुलिस के मुताबिक शवों को देखने पर ऐसा लग रहा है कि इनका पहले अंतिम संस्कार कर दिया गया है। सभी शव नग्न अवस्था में थे और 10 से 15 दिन पुराने लग रहे थे। अधिकांश शव सड़ चुके थे। इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि बरामद किए गए शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
इससे पहले बीते सोमवार की रात रामगंगा बैराज में पांच शव देखे जाने की सूचना मिली थी। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने रात में ही चेक करवाया तो बीच धार में पुल तले एक शव दिखा भी था लेकिन प्राइवेट गोताखोरों ने रात के अंधेरे में शव निकालने के लिए उफनाई नदी में घुसने से इन्कार कर दिया था। लिहाजा अधिकारियों को वापस लौटना पड़ा था। आज बुधवार को बच्चे और तीन महिलाओं के शव रामगंगा नदी से निकलवाकर शनीख्त के लिए जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिए हैं। समझा जाता है कि ये शव कहीं दूर से बहकर आए होंगे और रामगंगा बैराज में आकर फंस गए।