- साजिश में भीम आर्मी को फंडिंग के संकेत
एफएनएन, लखनऊ: हाथरस केस में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। ऐसे में एक बड़ी खबर सामने आ रही है। पुलिस और एसआईटी (SIT) को कुछ अहम जानकारी मिली है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से लेकर भीम आर्मी और विदेशी फंडिंग से लेकर खनन माफिया तक से कनेक्शन जुड़ने के संकेत मिल रहे हैं। सबसे बैंक खाते खंगाले जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस का दावा है कि पैसे विदेशों से आए और दंगा गैंग तक पहुंचाए गए। शक है कि जातीय दंगे के साजिश में शामिल रही पीएफआई की तरफ से भीम आर्मी को फंड किया गया है।
पकड़े गए लोगों से मिले अहम सुराग
सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनो मथुरा के टोल प्लाजा से एक पत्रकार समेत पकडे़ गये चार लोगों से पूछताछ में पुलिस को अहम सुराग मिले है। इन सुरागों के मुताबिक भीम आर्मी को हाथरस मामलें को लेकर दंगा फैलाने के लिए पापुलर फ्रंट आफ इंडिया पीएफआई द्वारा फंडिंग की गई थी। इसके अलावा यह भी पता चला है कि सीएए विरोधी दंगों में भी इस गिरफ्तार पत्रकार की भूमिका थी और वह पीएफआई के मुखपत्र का संपादन भी करता था। पीएफआई मुखपत्र के संपादक के एक बैंक एकाउंट से भारी लेनदेन सामने आया है और अब उसके अन्य खातों की तलाश व जांच की जा रही है। यूपी पुलिस का दावा है कि पैसे विदेशों से आए और दंगा करवाने के लिए साजिशकर्ताओं तक पहुंचाए गए।
आरोपी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में
इस बीच PFI के गिरफ्तार चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और PFI की तरफ से सफाई सामने आई है। लेकिन बार हिंसा के मामले में पीएफआई का नाम सामने आने के बाद शक गहराता जा रहा है। इसके साथ ही अब ईडी के भी इस मामलें में दखल देने के बाद पीएफआई के खिलाफ मनी लान्ड्रिंग का केस दर्ज हो सकता है। बता दें कि हाथरस मामले के नाम पर यूपी में उन्माद फैलाने के लिए जातीय संघर्ष कराने साजिश की जा रही थी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से वो साजिश नकाम हो गई।