एफएनएन, देहरादून : मानदेय बढ़ोतरी समेत विभिन्न मांगों पर कार्रवाई न होने से नाराज आंगनबाड़ी संगठन संयुक्त संघर्ष मोर्चा से जुड़ी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं ने सचिवालय कूच किया। हालांकि, पुलिस ने उन्हें पहले ही बेरिकेड लगाकर रोक दिया। आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्कामुक्की हुई। इस दौरान देहरादून की एक कार्यकर्त्ता बेहोश हो गई। कार्यकर्त्ताओं ने आगामी कैबिनेट में मांग न उठाए जाने पर एक नवंबर से पूरी तरह से कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।
मोर्चा से जुड़ी विभिन्न जिलों की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता शुक्रवार को परेड ग्राउंड में एकत्र हुई। इसके बाद विभिन्न मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए सचिवालय कूच किया। कार्यकर्त्ताओं ने कहा कि पूर्व में सरकार की ओर से शासन और विभागीय स्तर पर लंबित मांगों पर कार्रवाई का भरोसा दिया गया था, लेकिन कार्रवाई न होने से उन्हें सड़को पर उतरना पड़ रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री सेविका कर्मचारी यूनियन की प्रांतीय महामंत्री चित्रकला ने कहा कि कार्यकर्त्ताओं के लिए 21 हजार, सहायिका को 18 हजार रुपये मानदेय बढ़ोतरी की जाए।
इसके अलावा महाराष्ट्र की तरह ग्रेच्युटी और इएसआइ सुविधा, सहायिका को पदोन्नति दी जाए, आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए प्री प्राइमरी लागू हो। वर्ष 20019 में धरने के दौरान रुका मानदेय दिया जाए। कार्यकर्त्ताओं को नंदा गौरा कन्या धन का लाभ मिले। इस मौके पर चित्रकला, जानकी चौहान, रजनी गुलेरिया, ज्योतिका, संगीता, सरोज रमोला, सविता देवी, पूनम थापा, ममता, रेखा, मंजू आदि मौजूद रहे।
मोर्चा में यह संगठन है शामिल
आंगनबाड़ी/ सेविका कर्मचारी यूनियन, उत्तरांचल राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी पंचायत, आंगनबाड़ी कार्यकत्री/ मिनी कार्यकत्री साहिका एकता संगठन, उत्तराखंड आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ, उत्तराखंड आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन, आंगनबाड़ी /मिनी कार्यकत्री सहायिका संयुक्त कर्मचारी संगठन व उत्तराखंड आंगनबाड़ी महासंगठन।