एफएनएन, रुद्रपुर : केदारनाथ से विधायक मनोज रावत का एक पत्र खासा चर्चा में है। यह पत्र उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लिखा है। व्यंगात्मक लहजे में लिखे गए इस पत्र को पढ़कर आप भी चौक जाएंगे। जानिए, आखिर क्या है वो पत्र।
माननीय मुख्यमंत्री जी ,
मेरे जिले में 80 में से 62 राजकीय इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य नही हैं, हम तो नालायक हैं परंतु मेरे जिले के दूसरे विधायक मेरे बड़े भाई श्री भरत सिंह चौधरी जी तो आपकी पार्टी से हैं । ये हम दोनों के यंहा की मिली- जुली तस्बीर है।
यही हाल पूरे राज्य का है। चमोली सहित उन सारे जिलों में जहां सारे विधायक आपके दल के हैं , वहां के आंकड़े भी मेरे जिले के जैसे ही निराशा जनक हैं। बिडम्बना है कि बिना प्रधानाचार्य के इन इंटर कॉलेज में किसी लेक्चरर को चार्ज मिलता है जो अपने साथियों के समकक्ष होतें हैं। इसलिए सारा अनुशासन खत्म हो जाता है। फिर क्या होता है ये आप-हम और सब जानते हैं। आप भी पहले वाले रावत जी (श्रीमान हरीश रावत जी) की तरह सारी कृपा और नियमों में कानूनन छूट देकर इन इंटर कॉलेजों को प्रधानाचार्य दे दीजिए। उस समय 1 साल में हमारे कई गुरुजन लेक्चरर से प्रधानाध्यापक और फिर प्रधानाचार्य बन कर रिटायर हो गए थे। विद्यालयों को नई ऊर्जा मिल गयी थी।
बाकी ये मत सोचियेगा कि, इतना करके हरीश रावत जी का जनता ने या प्रोन्नत होने वालों ने या उस इलाके के लोगों ने चुनाव में क्या हाल किया ? जन प्रतिनिधियों को बस जनसरोकारों के लिए जीना चाहिए, कभी फल मीठा मिलता है कभी खट्टा।
रावत शिरोमणि हमारे और प्रदेश के इंटर कॉलेजों के हाल देख कर कुछ निर्णय लीजिये। लूगें में (देहरादून की भाषा में किसी के साथ मुफ्त में मिलने वाली चीज) कुछ गुरुजी लोगों का भला हो जाएगा। वे सम्मानजनक रूप से सेवानिवृत्त होंगे।
मनोज रावत,
विधायक, केदारनाथ