

- खुलासा : विधायक के कहने पर ही मिली थी डांस ग्रुप को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में प्रस्तुति देने की अनुमति
कंचन वर्मा, रुद्रपुर : गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आगमन के दौरान डांस प्रकरण तूल पकड़ गया है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सेवा सिह सहित चार सदस्यीय टीम के इस्तीफे के साथ ही इस मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी गई है। चर्चा में भाजपा के एक विधायक हैं, जिन्होंने इस डांस ग्रुप को कार्यक्रम हेतु अनुमति देने के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेजा था। चर्चा यहां तक है कि विधायक के कहने पर ही यह ग्रुप गुरुद्वारा परिसर में डांस को पहुंचा। हालांकि इस मामले में अधिकारी या नेता कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दो दिवसीय ऊधमसिंह नगर दौरे के दौरान नानकमत्ता गुरुद्वारे में भी उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसे गुरुद्वारे की शान में गुस्ताखी माना गया। गुरुद्वारा परिसर में युवतियों द्वारा डांस किया जाना, साथ ही मुख्यमंत्री के मत्था टेकने के समय गुरबाणी को कुछ देर के लिए रोक देने पर सिख संगठनों ने आपत्ति जताते हुए इसे गुरुद्वारे की मर्यादा का उल्लंघन बताया था, वहीं अकाल तख्त अमृतसर द्वारा 3 सदस्य कमेटी का गठन कर पूरे मामले की जांच के लिए नानकमत्ता गुरुद्वारा भेजा गया था। कमेटी के निर्देश पर नानकमत्ता गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सेवा सिंह सहित चार सदस्य कमेटी ने अपना इस्तीफा भी दे दिया, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर किसके कहने पर डांस ग्रुप गुरुद्वारा परिसर में दाखिल हुआ और ठुमके लगाए। सूत्रों की मानें तो इसके लिए ड्रोन से बनाई गई वीडियो की मदद ली गई जिसमें यह साफ हो गया कि डांस ग्रुप अपनी मर्जी से गुरुद्वारा परिसर में दाखिल नहीं हुआ बल्कि किसी के कहने पर उसने ऐसा किया। पूरे मामले में शक की सुई भाजपा के एक विधायक पर घूम रही है। इस विधायक ने ही अपने विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए डांस ग्रुप को अनुमति देने के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेजा था। विधायक का नाम सामने आने के साथ ही मामले पर पर्दा डालना शुरू कर दिया गया है, हालांकि यह मामला अब सुर्खियां बन चुका है। सेवा सिंह और उनके साथी सदस्य 15 दिन के अंदर अपना पक्ष अकाल तख्त अमृतसर में जाकर रखेंगे जिसके बाद इन पर अकाल तख्त द्वारा निर्णय लिया जाएगा। कमेटी परमानेंट बर्खास्त होगी या बहाल, यह तो समय ही बताएगा। तब तक के लिए नानकमत्ता गुरुद्वारा के 19 डायरेक्टरों में से पर्ची डालकर पांच डायरेक्टरों की एक कमेटी का गठन कर दिया गया है, जो नानकमत्ता गुरुद्वारे का प्रबंधन देखेगी।