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- उत्तराखंड सरकार के तानाशाही फैसले से क्षुब्ध शिक्षकों-कर्मियों का काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन सातवें दिन भी जारी
एफएनएन, देहरादूनः राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 में छेड़छाड़ के विरोध में सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन सातवें दिन भी जारी रहा। आंदोलित शिक्षक-शिक्षणेतर कर्मी बाहों पर कालीपट्टी बांधकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। दलील है कि सरकारी सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेजों को देय अनुदान बंद किया गया तो अशासकीय महाविद्यालय बंद होने की कगार पर पहुंच जाएंगे, जिससे लाखों छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी और हजारों कर्मचारियों की रोजी-रोटी भी छिन जाएगी।
डीएवी, डीबीएस, एमकेपी और श्री गुरु राम राय पीजी कॉलेज समेत हरिद्वार और रुड़की के अशासकीय कॉलेजों में कार्यरत शिक्षक-कर्मचारी बाहों में काली पट्टी बांधकर पिछले एक सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं। एचएनबी गढ़वाल विवि-महाविद्यालय संघ के महासचिव डॉ. डीके त्यागी ने कहा कि अशासकीय कॉलेजों में प्रदेशभर के अधिकांश छात्र पढ़ते हैं। इन कॉलेजों की पढ़ाई गुणवत्ता में भी अन्य कॉलेजों से अच्छी है। यही वजह है कि यहां के छात्र प्रदेश और देश के शीर्ष प्रशासनिक पदों तक पहुंचते हैं। ऐसे में कॉलेजों का अनुदान बंद करना समझ से परे है। इससे शिक्षक-कर्मचारियों के वेतन पर संकट मंडराएगा। साथ ही छात्रों की पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ेगा। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत सिंह ने कहा कि उनका संघर्ष जारी रहेगा।