
रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप थाने में दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज, पुलिस ने शुरू की जांच
एफएनएन, रुद्रपुर : दहेज के लिए एक विवाहिता को प्रतिबंधित दवाइयां देकर मार डाला गया। शादी के बाद से ही ससुराली एक करोड़ रुपये और कार लाने के लिए विवाहिता पर दबाव बना रहे थे। मायके वालों की तहरीर पर पुलिस ने दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मामला रुद्रपुर के आवास विकास निवासी प्रतिष्ठित व्यापारी और द्वारिका फ्लोर मिल के मलिक बलराम अग्रवाल के परिवार से जुड़ा हुआ है। बलराम अग्रवाल ने बताया कि उसकी इकलौती बेटी ज्योति अग्रवाल का विवाह 22 अप्रैल 2023 को प्रतापपुर, नानकमत्ता निवासी दीपांशु मित्तल के साथ हुआ था। शादी में हैसियत के अनुसार दान-दहेज भी दिया गया था, लेकिन पति दीपांशु मित्तल, सास इंदु मितल, ससुर सुनील मित्तल, ननद दिव्यांशी व जेठ हिमांशु मित्तल और दहेज लाने के लिए ज्योति को प्रताड़ित करने लगे।
ये लोग एक करोड़ रुपये और फॉर्च्यूनर कार की मांग कर रहे थे। शादी के बाद बेटी ने पुत्री को जन्म दिया तो ससुराल वाले बेटा नहीं होने का भी ताना मारने लगे। आरोप है कि पुनः लड़की होने के डर से ज्योति का गर्भपात करवा दिया गया। तब से ही ज्योति की हालत बिगड़ने लगी। उसको नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहाँ डॉक्टरों ने मायके वालों को बताया कि ज्योति की घातक दवाइयां देकर उसकी हालत बिगाड़ी गई है। 10 जुलाई को ज्योति की हालत बिगड़ी और 11 जुलाई को उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मेडिकल रिपोर्ट के बाद पता चला कि ससुरालियों ने साजिशन ज्योति को मौत के घाट उतारा है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पिता बलराम ने बताया कि शादी में उन्होंने 51 लाख रुपये नकद, एक इनोवा कार, 15 लाख कीमत के जेवरात और चार लाख कीमत के गृहस्थी सामान दिया था। बलराम अग्रवाल ने बताया कि ज्योति की ननद डॉ. दिव्यांशी गोयल रुद्रपुर के जिला अस्पताल में कार्यरत है। आरोप था कि वर्ष 2025 में जब ज्योति गर्भवती हुई, तो ससुराल पक्ष ने अवैध तरीके से लिंग परीक्षण कराया और जब यह पता चला कि ज्योति को दोबारा बेटी होने वाली है तो ससुराल वालों ने बेहतर उपचार कराने का झांसा देकर गर्भपात करवा दिया। गर्भपात में लापरवाही बरतने के बाद ही ज्योति की हालत बिगड़ने लगी और ससुराल पक्ष के लोग मायके वालों को भ्रमित करते रहे।
बलराम अग्रवाल ने अपनी तहरीर में जिक्र किया है कि उसकी बेटी पढ़ी लिखी थी और इकलौती होने के कारण बेहद ही लाड़ली थी, लेकिन चार जुलाई 2025 को ससुरालियों ने यह बताया कि ज्योति अजीब व्यवहार कर रही है और उसे नशा मुक्ति केंद्र नोएडा ले जाया जा रहा है। तो यह अकल्पनीय लांछन सुनकर बड़ी हैरानी हुई, क्योकि ज्योति बेहद सुलझी हुई लड़की थी, जबकि मेडिकल परीक्षण में ब्रेन ब्लीडिंग की पुष्टि हुई। साथ ही डॉक्टरों ने यह भी पुष्टि की थी कि हालत नशे की वजह से नहीं, बल्कि गलत दवा देकर ब्रेन ब्लीडिंग होना बताया।
थाना प्रभारी, ट्रांजिट कैंप मोहन चंद्र पांडेय ने बताया कि पुलिस ने तहरीर के आधार पर ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। प्रारंभिक पड़ताल के आधार पर यह बात सामने आई थी कि मृतका ज्योति से दहेज लाने और गर्भपात भी कराया गया, जबकि लिंग का पता करना दंडनीय अपराध है।





